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किसानों का तिरस्कार और उनकी शहादत का अपमान ना करे सरकार- दीपेंद्र हुड्डा

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कुरुक्षेत्र  - राकेश शर्मा - राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा  ने कहा है जिस प्रकार पूर्व सीएम  ओमप्रकाश चौटाला के राज में कंडेला में शहीद हुए किसानों के परिवार के सदस्यों को कांग्रेस ने नौकरी दी थी उसी प्रकार वर्तमान किसान आंदोलन में शहीद होने वाले किसानों के परिवारों को  कांग्रेस नौकरी देगी। सांसद हुड्डा  आज थाना टोल प्लाजा धरनारत किसानों के बीच पहुंचकर समर्थन दिया। इस मौके पर उन्हें किसानों के समर्थन का ऐलान किया और आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी। किसानों को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद ने कहा कि किसान पूरी एकजुटता से कठोर परिस्थितियों का सामना करते हुए देश का सबसे बड़ा आंदोलन चला रहे हैं। लेकिन सरकार मानो पूरी तरह बहरी हो चुकी है जिसे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से उठाई जा रही किसानों की आवाज सुनाई नहीं दे रही। किसानों की मांग मानने की बजाए सरकार उनकी प्रजातांत्रिक आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। लेकिन सरकार इस आवाज को जितना दबाएगी, उसकी गूंज उतनी ही जोर से सुनाई देगी। राज्यसभा सांसद ने कहा कि रोज धरना स्थल  से किसानों की शहादत की खबरें आ रही हैं। लेकिन उन्हें इस बात की पीड़ा है कि सरकार अन्नदाता की कुर्बानियों के प्रति संवेदनहीन बनी हुई है। वो आग्रह करते हैं कि सरकार आंदोलन में जान की कुर्बानी देने वाले किसानों को शहीद का दर्जा, आर्थिक मदद और परिवार को नौकरी दे। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ये सरकार ऐसा नहीं करती है तो हमारी सरकार बनने के बाद ऐसा किया जाएगा।

 दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग किसानों की मांगें मानने के बजाय उनका तिरस्कार कर रहे हैं। सत्ता पक्ष की तरफ से लगातार अन्नदाता की भावनाओं को आहत करने वाले बयान दिए जा रहे हैं। यहां तक कि सरकार में बैठे लोग किसान की देशभक्ति पर भी सवाल उठा रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसान एक देशभक्त वर्ग है। वो खेतों में काम करके देश का पेट पालते हैं तो उनके बेटे देश की सीमा पर भारत माता की रक्षा के लिए अपनी जानें देते हैं। इसलिए किसानों की देशभक्ति पर शक करना अपराध ही नहीं बल्कि घोर पाप है। सत्ता में बैठे हुए लोगों को ये पाप नहीं करना चाहिए। सांसद दीपेंद्र का कहना है कि सरकार को किसान आंदोलन की गंभीरता समझनी चाहिए और उसपर चर्चा के लिए बिना देरी किए संसद व हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। क्योंकि देश का सबसे बड़ा वर्ग आज अपनी जायज़ मांगों को लेकर सड़कों पर है। लेकिन सरकार देश की संसद और प्रदेश की विधानसभा पर ताले लगाए बैठी है। ना संसद और ना ही विधानसभा का सत्र बुलाया जा रहा है। जनप्रतिनिधि होने के नाते सभी सांसद और विधायकों का फर्ज  बनता है कि वो अन्नदाता की आवाज़ को सदन में उठाए। लेकिन सरकार सदन में चर्चा से कतरा रही है। सवाल उठता है कि पूर्ण बहुमत के बावजूद सरकार को आखिर किस बात का डर है? अगर उसकी नीति और नीयत ठीक है तो वो सदन में चर्चा से क्यों भाग रही है? धरने पर बैठे आंदोलरत किसानों को यूथ कांग्रेस हरियाणा के पूर्व महासचिव अनिल शोरेवाला ने ञ्जाी संबोधित किया। इस अवसर पर वरिष्ठï कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा, अनिल शोरेवाला, एडवोकेट सुभाष मैहला, प्रदीप चौधरी पूंडरी, बलकार ञ्चयोड़क सहित भारी संक्चया में कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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