नई दिल्ली- जिद जीत रही है और आंदोलनकारी किसानों को फिर तारिख मिल गई। किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं और सरकार अपनी जिद पर, किसान चाहते हैं कि तीनों क़ानून रद्द किये जाएँ जबकि सरकार क़ानून रद्द नहीं करना चाहती ऐसे में आज की बैठक भी बेनतीजा रही अब अब लम्बी तारीख पड़ गई है। अब अगली बातचीत 15 जनवरी को होगी। अब कम से कम एक हफ्ते किसानों को दिल्ली की सर्दी और झेलनी पड़ेगी।
भारतीय किसान युनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि तारीख पर तारीख चल रही है। बैठक में सभी किसान नेताओं ने एक आवाज़ में बिल रद्द करने की मांग की। हम चाहते हैं बिल वापस हो, सरकार चाहती है संशोधन हो। सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हमने भी सरकार की बात नहीं मानी।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि आज किसान यूनियन के साथ तीनों कृषि क़ानूनों पर चर्चा होती रही परन्तु कोई समाधान नहीं निकला। सरकार की तरफ से कहा गया कि क़ानूनों को वापिस लेने के अलावा कोई विकल्प दिया जाए, परन्तु कोई विकल्प नहीं मिला। किसान यूनियन और सरकार दोनों ने 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक का निर्णय लिया है। मुझे आशा है कि 15 जनवरी को कोई समाधान निकलेगा।
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