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हरियाणा के गांवों में सस्ती दरों पर मिलेगी बिजली या खाना पकाने के लिए गैस

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चडीगढ़,  दिसंबर- हरियाणा के मुख्य सचिव  विजय वर्धन ने संबंधित अधिकारियों को गोबरधन योजना के तहत बायोगैस प्लांट लगाने के लिए प्रदेश में गौ-शालाओं का सर्वेक्षण एवं मैपिंग करने के निर्देश दिए हैं, ताकि इन प्लांट से गांवों में सस्ती दरों पर बिजली या खाना पकाने के लिए गैस मुहैया करवाई जा सके। विजय वर्धन गोबरधन योजना के कार्यान्वयन के संबंध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

 विजय वर्धन ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गौ-शालाओं का सर्वेक्षण एवं मैपिंग करने के दौरान विशेष रूप से यह ध्यान रखा जाए कि गौ-शालाएं शहरों और गांवों में आबादी वाले इलाकों से कितनी दूरी पर हैं और इनमें प्लांट लगाए जाने की संभावनाएं भी तलाशी जाएं। उन्होंने कहा कि इस प्लांट से बनने वाली गैस बहुत सस्ती पड़ती है और इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों द्वारा बायोगैस अपनाने के लिए आइईसी गतिविधियों पर भी अधिक बल दिया जाए। इसके अलावा, बैठक में निजी बायोगैस प्लांट मॉडल को और अधिक प्रचारित करने के लिए अधिक सब्सिडी देने के संबंध में भी विचार-विमर्श किया गया।

 बैठक में बताया गया कि गोबरधन योजना के तहत हिसार जिले के नया गांव में सामुदायिक बायोगैस प्लांट चल रहा है, जिससे 150 से अधिक घरों को पाइपलाइन के माध्यम से गैस की आपूर्ति की जा रही है। इस प्रयोग से यह सामने आया कि कम्प्रैस्ड गैस के मुकाबले पाइपलाइन के माध्यम से गैस की आपूर्ति ज्यादा बेहतर है और इसकी लागत एलपीजी गैस सिलेंडर की तुलना में एक तिहाई है। बैठक में बताया गया कि भिवानी और महेंद्रगढ़ जिलों में सामुदायिक बायोगैस प्लांट स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा, 7 और जिलों में भी प्लांट स्थापित करने का कार्य जल्द पूरा हो जाएगा।

बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक बायोगैस प्लांट स्थापित करने पर कार्य किया जा रहा है और चालू वित्त वर्ष में सभी जिलों में प्लांट स्थापित हो जाएंगे। बैठक में योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि इस योजना के तहत गोबर और खेतों के बेकार या इस्तेमाल में न आने वाले उत्पादों को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में बदल दिया जाता है। इस गोबरधन योजना का उद्देश्य गांवों को स्वच्छ बनाना और पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कंपोस्ट और बायो-गैस में परिवर्तित कर उससे धन और ऊर्जा का उत्पादन करना है। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई भी सुनिश्चित होगी।

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