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2020 SPS: मोदी के कृषि कानूनों का फायदा उठा बेचारे किसानो को ठगने लगे बड़े ठग

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नई दिल्ली- किसान आंदोलन के 35 दिन हो गए हैं और लगभग 45 किसान जान गंवा चुके हैं। सत्ताधारी पार्टी के कई  नेता अब भी इन्हे नकली किसान बता रहे हैं। इन पर पाकिस्तानी, खालिस्तानी समर्थक का ठप्पा कई भाजपा नेता लगा चुके हैं। कई चीनी समर्थक भी बता चुके हैं। किसान नए क़ानून के विरोध में 35 दिन से सड़कों पर बैठे हैं। नए क़ानून में बिचौलियों की भूमिका ख़त्म हो जाएगी और बड़े लोग डायरेक्ट किसानो से उनकी फसलें खरीद सकते हैं। 

एक समय में शादियां होती थीं तो कोई न कोई बिचौलिया होता था और कोई बात बिगड़ती थी तो बिचौलिए संभालते थे या दोनों पार्टी में समझौते करवाते थे। अब कहीं-कहीं ही ये प्रथा है। डायरेक्ट कोर्ट में शादियां हो रहीं हैं और डायरेक्ट फ़टाफ़ट तलाक के मामले भी बढे हैं क्यू कि इनमे बिचौलिए नहीं होते। सैकड़ों केस लुटेरी  दुल्हनों के भी आ चुके हैं जिनमे कुछ गैंग के लोग किसी को जाल में फंसा कर लिसी से शादी करवाते हैं और दुल्हन दो चार दिनों में सारा माल लेकर गायब हो जाती है। ये सत्य कथा हम इसलिए बता रहे हैं क्यू कि नए कृषि कानूनों का साइड इफेक्ट मध्य प्रदेश में देखा जा रहा है जहां इसी कहानी की तरह किसान ठगे जा रहे हैं। 

जानकारी के मुताबिक़  मध्य प्रदेश के खातेगांव की एक फार्म खोजा ट्रेडर्स के मालिक खोजा बंधु सुरेश एवं पवन खोजा ने नसरुल्लागंज तहसील के 15 किसानों से मूंग, सोयाबीन एवं चने की खरीदी की गई, समस्त किसानों की राशि लगभग 73 लाख रुपए है। उक्त खोजा फर्म ने किसानों से खरीदी कर, किसानों को अलग-अलग दिनांको के चेक थमा दिए, जब उक्त दिनांक को किसान चेक लेकर बैंक पहुंचा तो खाते में राशि नहीं होने से उनके चेक बाउंस हो गए।

जब किसानों ने खोजा ट्रेडर्स के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि उपज मंडी खरीदी लाइसेंस काफी दिन पहले ही निरस्त हो गया था। उसके बाद भी खोजा बंधुओ के द्वारा खरीदी की और किसानों से ठगी कर रफू चक्कर हो गए। वही किसानों ने ज्ञापन देकर एसडीएम दिनेश तोमर नसरुल्लागंज से गुहार लगाई कि खोजा बंधुओं पर कार्रवाई कर उक्त किसानों की राशि शीघ्र दिलवाई जाए।

आपको बता दें कि इससे पहले देवास जिले के खातेगांव तहसील में भी किसानों से करोड़ों रुपए की ठगी का मामला सामने आया था, जिस पर खातेगांव थाने में उक्त कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। मामला जो भी हो लेकिन एक तरफ सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपाई नेता नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए लाभदायक बता रहे हैं और मोदी सरकार की तारीफ करते नजर आ रहे हैं तो दूसरी ओर इन कानूनों के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। कई किसानो से करोड़ों की ठगी हो चुकी है। 

बेचारे किसान अपनी ही फसल के दाम लेने के लिए व्यापारियों के आगे पीछे चक्कर लगा रहे हैं। बहरहाल मामला सीएम शिवराज की विधानसभा क्षेत्र का है अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रदेश के मुखिया जो अपने आप को किसान हितैषी बताते हैं। उनके विधानसभा के किसानों को लाखों की चपत लगाकर भाग जाने वाली फर्म के खिलाफ क्या कार्यवाही करते हैं।

आंदोलनकारी लाखों किसानों को इसी बात का डर है क्यू नए क़ानून में वो किसी ठग के खिलाफ कोर्ट भी नहीं जा सकते। किसानों को डर वो ऐसे ही ठगे जा सकते हैं। एसडीएम कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ेगा। ऐसे ही कोई जान नहीं गंवाता। 35 दिनों से भीषण सर्दी में घर परिवार छोड़ सड़क पर नहीं बैठता। कोई न कोई बात जरूर होगी। ये कई लाख लोग दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। वो होते जिन्हे भाजपा के कुछ नेता बता रहे हैं तो अब तक बड़ा बवाल मचा देते।

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