16 अक्टूबर 2020- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा सरकार में बढ़ते असंतोष को दबाने व बरोदा उपचुनाव में राजनीतिक लाभ लेने के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने विधायकों व भाजपा-जजपा नेताओं को 14 बोर्ड व निगमों के चेयरमैनी का लालीपोप थमाया है। विद्रोही ने कहा कि जजपा के जो विधायक सत्ता भागीदारी के लिए बगावती सुर अलाप रहे थे, किसान बिलों के विरोध में बोलकर किसान हितैषी होने की नौटंकी कर रहे थे, उन सभी की बोलती बंद करने के लिए चेयरमैनी थमा दी गई है व जजपा के जो तीन विधायक एडजस्ट नही हुए, उन्हे भी एडजस्ट करने के आश्वासन का झुनझुना थमाकर खट्टर जी ने मुंह बंद कर दिया है। सभी निर्दलीय विधायकों को सरकार में एडजस्ट करके खट्टर-भाजपा ने खुद प्रमाणित कर दिया है कि उनकी सरकार अस्थिर है, इसलिए सत्ता में बने रहने के लिए सभी को एडजस्ट करके चेयरमैनी देकर चंडीगढ़ में कोठी, गाडी, पैसों का प्रबंध किया है।
विद्रोही ने कहा कि जो भाजपा नेता दबे स्वरों में बगावती सुर बोल रहे है, उनमें भी कुछ को चेयरमैनी देकर संदेश दिया है कि चुप रहो क्योंकि तुम्हारे भी अच्छे दिन आएंगे। वस्तुत: भाजपा-खट्टर सरकार किसी भी तरह सत्ता में बने रहने के लिए प्रलोभन से अपने को बचा रही है। भाजपा का आमजन हित से कोई लेना-देना नही है, वे तो किसी भी तरह से सत्ता पर काबिज रहकर सत्ता दुरूपयोग से मौज लेना चाहते है और भ्रष्टाचार से धन कमाने की तिकडमों में लगे है। विद्रोही ने कहा कि बरोदा विधानसभा उपचुनाव प्रक्रिया के बीच चेयरमैनों की नियुक्ति बताती है कि भाजपा येनकेन प्रकेरण सत्ता दुरूपयोग से चुनाव जीतने के लिए काम कर रही है। पर बरोद की जागरूक जनता भाजपा की इन तिकडमों में फंसने वाली नही है और भाजपा को करारा सबक सिखाने के लिए बरोदा उपचुनाव में वोट की चोट करने को तैयार है। विद्रोही ने कहा कि निवनियुक्त चेयरमैनों की नियुक्ति के माध्यम से खट्टर-भाजपा सरकार ने अहीरवाल को अपनी जागीर समझने वाले केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह को उनके घोर विरोधी को चेयरमैन बनाकर भाजपा में उनकी क्या हैसियत है, यह भी बता दिया है।
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