नई दिल्ली- वो जिसके साथ फोन पर बात करता था। कभी-कभी किसी रेस्टोरेंट में बैठकर कुछ खा भी लेता था और जिसे शायद अपनी दोस्त समझता था वो अगर बुलाये तो शायद ही उसके कदम रुक सकते थे। दिल्ली के आदर्श नगर में डीयू के छात्र राहुल हत्याकांड में आरोपी शान्ति प्रिय समुदाय के लोगों ने बड़ा खेल खेला था। राहुल को घर से बाहर निकालने के लिए उस लड़की का सहारा लिया था जिसे वो प्यार करता था। इस मामले का सीसीटीवी फुटेज आया है जिसमे राहुल घटना वाले दिन उसी लड़की के साथ जा रहा था।
शांतिदूतों ने लड़की के माध्यम से राहुल को बुलवाया और गली में जाकर पीटना शुरू कर दिया। राहुल की पिटाई उसके घर से आधा किलोमीटर दूर हुई और पिटाई के बाद उसने दम तोड़ दिया। इस मामले में पांच शांतिदूत गिरफ्तार किये गए हैं जिनमे तीन नाबालिग हैं। राहुल के परिजनों का कहना है कि आरोपी पांच नहीं 15 से ज्यादा थे। पुलिस कई लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है।
परिजनों का कहना है कि राहुल बीए का छात्र था और डीयू बीए द्वित्तीय वर्ष का छात्र था। घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी इसलिए अपनी पढाई के खर्च के लिए ट्यूशन पढ़ाता था। कई लोगों से बात करता था इसका मतलब ये नहीं की सब उसकी जान ले लें ,परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अभी तक कोई नेता राहुल के घर नहीं पहुंचा है क्यू कि बलरामपुर गैंगरेप केस की तरह राहुल को कोई दलित बता रहा है तो कोई अन्य जाति का लेकिन किसी भी जाति का हो हिन्दू था और आरोपी तमाम मुहम्मद- कोई जुनैद मारा गया होता तो अब तक देश के तमाम अर्बन नक्सली, जेहादी और कुछ राजनीतिक गिद्ध वहाँ पहुँच चुके होते।
दिल्ली के राहुल की हत्या ने हिला कर रख दिया है. कैसा समाज है ये जहाँ मुहब्बत की सज़ा मौत है? लड़की के घरवाले जिसमें से 3 तो नाबालिग़ हैं उन्होंने 19 साल के इस लड़के को इसलिए बेरहमी से पीटा क्यूँकि उन्हें ग़ैरमज़हबी लड़के से लड़की का अफ़ेयर पसंद नहीं था. धिक्कार है ऐसी सोच पर 👎🏽💔 pic.twitter.com/8kMad1c0ZO
— Samir Abbas (@TheSamirAbbas) October 10, 2020
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