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मिनी पाकिस्तान बना हरियाणा का मेवात, लव जिहाद का अड्डा और हिंदुओं के लिए कब्रिस्तान

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नई दिल्ली/ फरीदाबाद:  4 अप्रैल 2005  को फरीदाबाद और गुड़गांव के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर आधुनिक मेवात की स्थापना की गई। नूह, तावड़ू, नगीना, फिरोज़पुर झिरका, पुन्हाना और हथीन इसके मुख्य खण्ड हैं। यहां पर  हिंदी कम मेवाती ज्यादा बोली जाती है। पहले मेवात पर्यटन स्थल के लिए जाना जाता था जहां लोग जाकर ठहरते थे और छुट्टियां बिताते थे लेकिन अब कई मामलों में मेवात सबसे आगे हैं। मेवात किन मामलों में आगे है अगली पोस्ट में आप पढ़ सकेंगे फिलहाल लव जेहाद में भी मेवात आगे ही चल रहा है। मेवात को मिनी पाकिस्तान भी कहा जाने लगा है। अब  मेवात में दलितों सहित हिंदुओं के लिए एक कब्रिस्तान बनता जा रहा है ,  लगातार इस क्षेत्र में मुसलमानों का आतंक बढ़ता जा रहा है। दिल्ली एनसीआर में जितने  अपराध हो रहे हैं अधिकतर अपराधी मेवात के ही हैं। 

फरीदाबाद का बहु चर्चित निकिता हत्याकांड देश भर में सुर्ख़ियों में है और निकिता तोमर की ह्त्या मेवातियों ने ही की थी। इस मामले में तौसीफ, रेहान और अजरू को गिरफ्तार किया गया। पलवल में भी हाल में लव जिहाद का एक मामला आया जहां हथीन का एक नाम बदलकर फरीदाबाद की एक लड़की को प्रेमजाल में फंसाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। मेवात को मिनी पाकिस्तान यूं ही नहीं कहा जाने लगा है। कुछ चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं हैं। मेवात में मूल निवासी जो युवक शहरों में आ गए हैं वो नाम बदलकर हिन्दुओं की बेटियों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। कइयों ने सोशल मीडिया पर फेक आईडी बना रखी है और आगे भी ऐसे मामले आते रहेंगे क्यू कि सरकार अभी सो रही है। जगाने से भी नहीं जाग रही है। 

हरियाणा अब तक ने वर्ष 2018 में एक खबर पब्लिश की थी जिसमे मेवात से करीब 45 किलोमीटर दूर हरियाणा के पलवल के उटावड़ गांव में एक मस्जिद बनाई गई थी और नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA की जांच में ये खुलासा हुआ था कि इस मस्जिद का निर्माण आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा की फंडिग से हुआ है।  लश्कर ए तैयबा का चीफ आतंकवादी हाफिज सईद है जो मुंबई में हुए 26/11 हमले का मास्टर माइंड था। 

यानी मेवात में कट्टरपंथी इस्लाम के जो बीज बोए जा रहे हैं, उसकी फसल देश के दूसरे इलाकों में भी काटी जा रही है और ये बहुत खतरनाक स्थिति है. मेवात में कट्टरता की ये निशानियां आज की नहीं है, बल्कि इसका इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है।  वर्ष 1265 में दिल्ली सल्तनत के सुल्तान गयासुद्दीन बलबन ने मेवात में एक लाख राजपूतों का कत्ल करवा दिया था, ये वो दौर था जब मेवात के रास्ते पूरे देश में इस्लाम का प्रचार प्रसार बहुत तेजी से किया जा रहा था और इसका नतीजा ये हुआ कि मेवात धीरे धीरे इस्लाम के एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित हो गया और इस इलाके में मुसलमानों की जनसंख्या तेजी से बढ़ने लगी। वर्तमान समय में मेवात में बहुत कम हिन्दू रह गए हैं। कहा जा रहा है कि धर्म परिवर्तन करवा उन्हें मुसलमान बना दिया गया है। दलित भी  मेवात में अब ढूंढें से नहीं मिलते। हिन्दुओं के लिए कब्रिस्तान क्यू कहा जा रहा है मेवात को, भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने क्या कहा है पढ़ें।

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