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12 लाख का झंडा, 18 लाख का लाउडस्पीकर, फरीदाबाद के खेड़ी गुजरान में कागजों पर विकास करवा खा गए 15 करोड़ 

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फरीदाबाद- 2014 में सत्ता संभालते ही हरियाणा के  मुख्य्मंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि न खाऊंगा न खाने दूंगा मतलब प्रदेश में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार नहीं चलेगा। पहले कार्यकाल में सीएम भ्रष्टाचार रोकने में पूरी तरफ से सफल नहीं हुए और पिछले साल फिर जजपा की वैशाखी के सहारे चंडीगढ़ जा पहुंचे और इस कार्यकाल में शराब, रजिस्ट्री और जीएसटी जैसे घोटाले सामने आ रहे हैं जिनकी जांच चल रही है। सीएम के पहले कार्यकाल में खाने वालों ने किस तरह से खाया ये एक सरकार वेबसाइट के आंकड़े देख फरीदाबाद के खेड़ी गुजरान गांव के लोगों के होश उड़े हुए हैं जो आज पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुंचे थे और सीपी से मिले भी थे और सीपी ओपी सिंह ने ग्रामीणों को जिला अधिकारी यशपाल यादव के पास भेज दिया। समय ज्यादा होने के कारण ग्रामीण डीसी से नहीं मिल सके जो संभवतः एक दो दिन में मिलेंगे क्यू कि ग्रामीणों को खेतों में भी काम होता है। 

ग्रामीणों के मुताबिक़ गांव में हुए विकास कार्यों की जानकारी उन्होंने स्थानीय सरपंच से लेने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। ग्रामीणों ने एक सरकारी वेबसाइट के माध्यम से जानकारी हासिल की तो वहाँ पता चला कि 2018- 2019 गांव में 18 करोड़ रूपये के विकास कार्य करवाए गए हैं। ग्रामीणों के मुताबिक़ गांव के एक प्राइमरी स्कूल में 12 लाख का झंडा लगा दिखाया गया है जबकि ऐसा कोई झंडा गांव में लगा ही नहीं। यही नहीं राष्ट्रीय गान के लिए गांव में ही 18 लाख रूपये का लाउड स्पीकर दिखाया गया है जो कहीं लगा ही नहीं है। न स्कूल में  गांव में न स्टेडियम में।  75 लाख रूपये की 500 सोलर लाइट दिखाई गई है जो आंकड़ा भी गलत है। ग्रामीणों के मुताबिक 150 से ज्यादा लाइट नहीं लगी हैं। प्राइमरी स्कूल में मीटर भी नहीं है और वहां 20 किलोवाट का सोलर प्लांट 15 लाख का दिखाया गया है और स्कूल में दो लाख रूपये का आरओ प्लांट दिखाया गया है जो वहां नहीं लगा और 55 लाख की स्ट्रीट लाइट दिखाई गयी है जो भी गांव में नहीं लगी। 

ग्रामीणों का कहना है कि हेड पम्प के पांच लाख दिखाए गए हैं जबकि एक भी गांव में नहीं लगा। सीसीटीवी के लिए 30 लाख दिखाए गए जबकि एक भी कैमरा नहीं लगा है। 15 लाख का कैमरा  अलग से दिखाया गया है जबकि कहीं नहीं लगा। कोरोना के फागिंग के लिए भी तीन लाख दिखाया गया जबकि गांव में फागिंग हुई ही नहीं। गांव की चौपाल के लिए भी 10 लाख का फर्जीवाड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि इसी तरह कई अन्य कामों के लिए करोड़ों दिखाए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा दो या तीन करोड़ का काम हुआ है। लगभग 15 करोड़ खा लिए गए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि कागजों पर झंडा, लाउंडस्पीकर व् अन्य चीजें दिखा पैसे खा लिए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सम्बंधित अधिकारी भी भ्रष्टाचारियों से मिले हुए हैं। अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते। सब मिले हुए हैं और सबने मिलकर ये पैसे खाये हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जल्द डीसी से मिलेंगे और एक हफ्ते में भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही नहीं होती तो गृह मंत्री अनिल विज के आवास जाकर उन्हें पूरे मामले की जानकारी देंगे। जंतर-मंतर पर  प्रदर्शन भी कर सकते हैं।

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