नई दिल्ली- मार्च से देश में चीनी वायरस ने तांडव मचाना शुरू किया और अब भी तांडव मचा रहा है। मार्च में लॉकडाउन शुरू हुआ लेकिन अब काफी कुछ सामान्य है। अधिकतर बाजारें खुल गईं हैं। तमाम ट्रेनें और मेट्रो भी आने जाने लगीं हैं। इस दौरान देश के लगभग 100 करोड़ लोग बहुत ज्यादा परेशान हुए। भारत की जनसँख्या वर्तमान में 135 करोड़ के आस-पास बताई जा रही है। इन 100 करोड़ में देश के गरीब और आम आदमी शामिल हैं। देश के गरीबों ने तो इस दौरान बांटे गए भोजन और राशन से काम चलाया लेकिन आम आदमी शर्म के मारे कहीं नहीं गए अपनी जमा पूंजी खाते रहे। तमाम लोगों की जमा पूंजी अब ख़त्म हो चुकी है क्यू कि कोरोनाकाल में आम आदमी का धंधा चौपट हो गया। छोटे उद्योगपति भी परेशान हैं। उनका भी कामकाज नहीं चल रहा है। वर्तमान में देश में मोदी सरकार है और मोदी सरकार गरीबों की सरकार कही जाती है। कहा जाता है कि ये सरकार गरीबों के लिए काम करती है लेकिन अब जमीन पर जो दिख रहा है उसे देख लग रहा है कि कॉरोनकाल में अडानी और अम्बानी जैसे उद्योगपति ही मालामाल हुए साथ में कई सत्ताधारी भी मालामाल हुए हैं। गरीब और कंगाल हो गया।
हाल में बाबा का ढाबा पूरे देश में फेमस हुआ और बाबा ने रोते हुए कहा कि दिन में 200 रूपये की कमाई भी नहीं होती। खर्चा भी नहीं निकलता। सोशल मीडिया ने उनकी मदद की। फिर फरीदाबाद के एक बाबा सड़क पर नसीब बेंचते दिख और वो भी रोने लगे। सोशल मीडिया ने उनकी मदद की। ढाबे वाले और फरीदाबाद वाले बाबा की तरह देश में करोड़ों लोग हैं जो इन दिनों चाहकर भी रो नहीं सकते। देश का आम आदमी इस समय खून के आंसू रो रहा है लेकिन इज्जत न चली जाये इसलिए कैमरे के सामने आंसू नहीं बहाता। देश के लाखों ऐसे दुकानदार हैं जो दूकान बंद करने के बाद जब अपने घर जाते हैं और हिसाब किताब करते हैं तो पता चलता है कि लागत ही आई है। कमाई 100 रूपये भी नहीं हुई। जब देश के लगभग 100 करोड़ लोग रोज 100 रूपये रोज नहीं कमा पाएंगे तो बच्चों को कैसे पालेंगे क्यू कि देश के इतिहास में पहली बार एक साथ आलू, प्याज, टमाटर की कीमतों ने हर रिकार्ड तोड़ दिया है।
देश के अंदर अब आलू-प्याज और टमाटर के दाम आसमान छूने लगे हैं। पिछले तीन महीने से आलू, प्याज, टमाटर के दाम कम ही नहीं हुए हैं। यूपी, दिल्ली, और बिहार समेत कई अन्य राज्यों में फुटकर में आलू और प्याज के दाम 45-50 रूपये किलो तक पहुंच गये हैं। प्याज भी अब 50 से 70 रूपये किलो के दर से बिक रहा है। जिस तेज गति से सब्जियों के दाम में बढ़े हैं, उससे देश के करोड़ों घरों के किचन का बजट गड़बड़ा गया है।
इस मामले में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने आंकड़े पेश किये हैं। जिसमें कहा गया है कि प्याज की कीमतें बढ़ने की वजह उत्पादक क्षेत्रों में बारिश होने से आपूर्ति बाधित होना है।
आपको बता दें कि इस समय केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय कुछ भी कहे लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि जमाखोर हावी हैं। एक-एक किलो आलू, प्याज टमाटर पर 10 से 15 रूपये प्रति किलो की कमाई जमाखोर कर रहे हैं। सम्बंधित विभाग के अधिकारी गायब है और सरकारें तो गहरी नींद में ही है और ऐसा लगता है कि देश में सरकार ही नहीं है। देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब देश की सरकार को 100 करोड़ लोगों का दर्द नहीं दिख रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि जिनके न परिवार है न बाल बच्चे वो क्या समझेंगे गरीबों का दर्द?
देश में जिनकी सरकार है वो अपनी पत्नी को छोड़ चुके हैं इसलिए बाल बच्चों का कोई सवाल ही नहीं उठता। कई राज्यों में ऐसे नेता सीएम बनाये गए हैं जिनके आगे पीछे कोई नहीं है और कुछ सत्ताधारी जिनके आगे पीछे सब कुछ है और उनका परिवार भी है ऐसे नेता अपने 7 पुश्तों के लिए माल इकठ्ठा करने में जुटे हैं और कइयों ने तो 7 नहीं 14 पुश्तों का जुआड़ कर लिया है। देश में अब अधिकतर लोग शिक्षित हैं। सब कुछ समझ रहे हैं इसलिए आने वाले समय में देश की सरकार को आइना दिखा सकते हैं। यहाँ तक कि मोदी के नाम पर सत्ता पाए तमाम नेता सिर्फ अपने परिवार को देख रहे हैं। अपने कार्यकर्ताओं को भी रुला रहे हैं। यही वजह है कि महाराष्ट्र के एक बड़े भाजपा नेता ने आज भाजपा को अलविदा कह दिया।पार्टी छोड़ने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने कहा कि ये पार्टी जरूरत के समय अपनों की मदद नहीं करती। खडसे की तरह ही तमाम भाजपा नेता एवं कार्यकर्त्ता हरियाणा अब तक को बता चुके हैं कि जरूरत पड़ने पर हमें अपनी पार्टी से कोई मदद नहीं मिलती।
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