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बरोदा में फिसलने लगी खट्टर और उनके खिलाडियों की जुबान, बबीता फोगाट के खिलाफ SC/ST Act

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चंडीगढ़: देश अपने अच्छे खिलाडियों की बहुत इज्जत करता है और उन्हें मान सम्मान भी देता है क्यू कि खिलाड़ी बहुत मेहनत करने के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पदक जीतते हैं। हरियाणा की बात करें तो यहाँ देश में सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय पदक आते हैं और कई खेलों में यहाँ के खिलाड़ी माहिर हैं और सरकार इन खिलाडियों को बड़े अधिकारी का पद भी देती है। कुछ खिलाड़ी बड़े पदों से त्यागपत्र देकर नेता बनने लगते हैं जिसके बाद इनकी फजीहत भी शुरू हो जाती है क्यू कि जरूरी नहीं कि कोई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी अच्छा नेता भी बन जाए। 

हरियाणा के बरोदा में उप चुनाव हैं जहां से टीम खट्टर ने अपने खिलाड़ी योगेश्वर दत्त को मैदान में उतारा है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में योगेश्वर दत्त हार गए थे और कांग्रेस की यहाँ जीत हुई थी। यहाँ इस समय भाजपा की फ़ौज दत्त के लिए प्रचार कर रही है। कल सीएम मनोहर लाल योगेश्वर दत्त का नाम तक भूल गए। योगेश्वर दत्त प्रदेश के कृषि मंत्री का नाम तक नहीं जानते और रणजीत चौटाला को कृषि मंत्री बता दिया। सोशल  मीडिया पर वीडियो वायरल कर खूब मजाक उड़ाया जा रहा है। 

अब 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स की स्वर्ण पदक विजेता पहलवान बबीता फोगाट की भी जुबान फिसल गई है।  बरोदा में प्रचार के दौरान  बबीता फोगाट द्वारा अपने भाषण में दलितों के बारे में जातिसूचक शब्‍द का इस्‍तेमाल किए जाने को लेकर उनके खिलाफ  पुलिस को लिखित शिकायत दी गई है। 

नेशनल अलायंस फॉर दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक एवं वकील रजत कलसन ने हांसी पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई है।  कलसन ने कहा कि बबीता वर्तमान में हरियाणा महिला विकास निगम की चेयरपर्सन हैं और हाल ही में वह बरोदा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्‍याशी योगेश्‍वर दत्‍त के लिए प्रचार करने पहुंची थीं।  यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए बबीता ने अपने भाषण के दौरान अनुसूचित जाति समाज के लिए जातिसूचक 'ढेड' शब्‍द का इस्‍तेमाल किया। उनका कहना है कि इस शब्‍द का इस्‍तेमाल गाली के तौर पर इस भाषण में किया गया। 

उनका कहना है कि इस दौरान योगेश्‍वर दत्‍त भी वहां मौजूद थे और उन्‍होंने भी बबीता की दलित विरोधी टिप्‍पणी पर कोई ऐतराज नहीं जताया, इस तरह से उन्‍होंने बबीता फोगाट की इस टिप्‍पणी को तसदीक करने का काम किया। कहा जा रहा है कि कुछ खिलाड़ी खेल के दौरान बहुत पैसा कमा लेते है और घमंडी हो जाते हैं और अपने सामने दलितों का मजाक उड़ाते हैं। जैसे की बबीता फोगाट। दलित इस देश के लिए उतने ही खास हैं जितने सवर्ण या अन्य ऐसे में बबीता जैसे लोगों को कुछ बोलने के पहले सोंचना चाहिए। 

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