फरीदाबाद 15 सितम्बर। 26 गांवों को नगर निमग में शामिल करने के बाद इन गांवों के ग्रामीण अब जागरूक हो गये हैं, और उन गांवों का विकास देखने निकल पडे हैं जिन गांवों को बर्षो से निगम ने अपने अतर्गत शामिल किया हुआ है। गांव चंदावली के ग्रामीण और युवा महापंचायत करने वाले जसवंत पवार ने सबसे पहले गांव अजरोंदा में जाकर निगम का विकास कार्य देखा तो उनके होश उड गये, लोगों में नगर निगम के खिलाफ कूट-कूट कर गुस्सा भरा पड़ा है पिछले कई सालों से सड़कों की जर्जर हालत हुई पड़ी है ।
लोगों ने नगर निगम के खिलाफ आक्रोश जताते हुए कहा कि नगर निगम के अंतर्गत आने से पहले उनका अजरोंदा गांव नंबर वन गांव था और कभी वहां की पंचायत के विकास कार्यों को देख कर रूस के राजा ने उन्हें उपहार के रूप में बेलारूस ट्रैक्टर दिया था लेकिन नगर निगम की छत्रछाया में आते ही गांव की खस्ता हालत हो गई। तत्पश्चात जसवंत पवार गांव सीही की ओर निकले और गांव के मुख्य सड़क पर एंट्री करते ही गंदगी का सैलाब देखने को मिला जिस जगह कभी पार्क होना चाहिए था आज उस जगह डंपिंग ग्राउंड बना हुआ है।
इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के गांव मेवला महाराजपुर पहुंचे तो वहां के लोगों ने नगर निगम का नाम सुनते ही अपना आपा खो दिया। इतना गुस्सा और इतना आक्रोश केवल किसी दुश्मन के लिये ही निकलता है लेकिन मेवला महाराजपुर के निवासियों का यह आक्रोश केवल नगर निगम फरीदाबाद के लिए था जिसने उनके गांव को नर्क बना कर रख दिया इस गांव के सौदर्यीकरण के लिए लोग तरस रहे हैं अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब हमारे 26 गांवों को नगर निगम के अंतर्गत लाया जाएगा तो भला इनका क्या हाल होगा आप अंदाजा लगा लीजिये।
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