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भाजपा की दमनकारी नीतियां दिलाती है अंग्रेजों शासन की याद:- कुमारी शैलजा

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कुरुक्षेत्र राकेश शर्मा- केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ आवाज उठा रहे किसान-मजदूर-आढ़ती भाइयों पर जिस प्रकार से कुरुक्षेत्र में लाठीचार्ज कर उनकी आवाज को दबाने का काम किया गया है, यह अग्रेजी शासन की क्रूरता की याद दिलाता है। सत्ता के नशे में चूर भाजपा- जजपा गठबंधन सरकार ऐसी दमनकारी नीतियां अपनाकर प्रदेशवासियों की आवाज को दबाना चाहती है। इस लाठीचार्ज की जितनी निंदा की जाए वह कम है। हरियाणा प्रदेश में सरकार बनने पर कांग्रेस सबसे पहले इन तीनों काले अध्यादेशों को रद्द करेगी। 

यह बातें हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कुरुक्षेत्र की पीपली मंडी में आढ़तियों, किसानों और मजदूरों से बात कर रहीं थी। वहां लोगों ने बताया कि जिस तरह से गुरुवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन की तैयारी कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया वो अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों की याद दिलाता है। किसानों ने आरोप लगाया कि सिर्फ कुरुक्षेत्र ही नहीं, प्रदेश में जगह जगह जबर्दस्ती किसानों और आढ़तियों को रोका गया और उनके खिलाफ झूठे मुकद्दमें दर्ज किए गए। कुमारी सैलजा ने सरकार से मांग की कि झुठे मामले वापस लिये जाएं और घायल किसानों को मुआवजा दिया जाए। 

इसके बाद कुरुक्षेत्र में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुरेश यूनिसपुर के निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस शासित तीन राज्यों पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने ये किसान विरोधी अध्यादेश लागू करने से इनकार कर दिया है और हरियाणा में भी कांग्रेस की सरकार बनते ही सबसे पहला काम इन अध्यादेशों को रद्द करने का करेगी। किसानों पर लाठीचार्ज की विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि  हरियाणा सरकार का यह शर्मनाक कृत्य बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। जब भारतवर्ष में अंग्रेजों के द्वारा गोपनीय तरीके से काले कानूनों को पास करा दिया जाता था और जब जनता विरोध करती थी तो जनता की आवाज को अस्त्रों शस्त्रों के द्वारा दबाने का काम किया जाता था । उसी प्रकार आज हरियाणा प्रदेश की मौजूदा भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में किसान- मजदूर- आढ़तियों पर लाठीचार्ज कर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया गया है।कुमारी सैलजा ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपना विरोध जताने का अधिकार है। कांग्रेस इसकी निंदा करती है और किसान-मज़दूर- आढ़तियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करेगी। जब भाजपा राजनीतिक सभाओं का आयोजन कर सकती है, तो क्या प्रदेशवासी इन तीन काले कानूनों के खिलाफ आवाज भी नहीं उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह तानाशाही सरकार है, इसका मुकाबला करने के लिए हम सभी को संगठित होना पड़ेगा। कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि अध्यादेश हमारे किसान-मजदूर-आढ़तियों को बदहाली के मुहाने पर ले जाने का काम करेंगे। कांग्रेस पार्टी इन तीन 'तुगलकी' अध्यादेशों के खिलाफ किसान-मजदूर-आढ़ती भाइयों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। इन अध्यादेशों के विरोध में प्रदेश कांग्रेस 21 सितंबर को प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करेगी और महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देगी। कांग्रेस किसान-मजदूर-आढ़तियों की आवाज को सड़क से लेकर सदन तक उठाएगी। 

 इस अवसर पर उनके साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सरदार हरमोहिंदर सिंह चट्ठा,  पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अशोक अरोड़ा, विधायक प्रदीप चौधरी, विधायक मेवा सिंह, विधायक डॉ बिशन लाल सैनी, रेणु बाला, पूर्व मंत्री राम किशन गुज्जर, पूर्व विधायक बंता राम,पूर्व जिलाध्यक्ष पवन गर्ग,वरिष्ठ नेता रणधीर राणा, महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुधा भारद्वाज, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बिमला सरोहा,  व्यापारी नेता ललित मोहन, राजेश सिंगला, विनोद गर्ग, अशोक गर्ग, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सतीश तेजली, श्याम सुंदर बत्रा, रिंकू पुनिया, बलविंदर पूनिया, पार्थ तंवर, प्रवेश राणा, युवा नेता हरमन, पूर्व एम सी शमशेर कश्यप, एस सी सैल के ज़िलाध्यक्ष जरनैल डूडा, सतबीर यारा व सतीश गर्ग भी मौजूद थे।

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