फरीदाबाद- कई साल पहले हमने अपने पाठकों को एक सच खबर से जुडी एक कहानी सुनाई थी। इस कहानी में था कि एक राज्य में लाखों रूपये की लागत से एक तालाब की खुदाई पास हुई। तालाब की खुदाई नहीं हुई। सम्बंधित अधिकारियों के कागज़ पर ही तालाब बनाकर लाखों रूपये डकार लिए। मामले की जांच के आदेश दिए गए तो सम्बंधित अधिकारी को इसकी जानकारी मिली। फटाफट उसने अपनी जान पहचान के कुछ व्यक्तियों से अपने पास ही पत्र लिखवाया जिसमे कहा गया कि तालाब गलत जगह खुदा है और बहुत गहरा खुदा है जिस वहाँ के पशु तालाब में डूबकर बेमौत मर रहे हैं इसलिए तालाब को पटवा दिया जाए। उसमे मिट्टी डलवा दी जाए। अधिकारी का काम बन गया जो तालाब कभी खुदा ही नहीं था अधिकारी ने दिखा दिया कि ग्रामीणों के एतराज और पत्र के बाद तालाब को मिट्टी से पटवा दिया गया है। इस तरह से अधिकारी तालाब को मिट्टी से पटवाने के लिए भी लाखों खा गया।
कहानी आज इसलिए याद आ गई क्यू कि ट्विटर पर फरीदाबाद के सेक्टर 7-8 से मिलन रेस्तरां की तरफ जाने वाली सड़क की एक तस्वीर पोस्ट की गई है और लिखा गया है कि ये फरीदाबाद का दुर्भाग्य है या सौभाग्य? या यहां की हर सड़क अब आत्मनिर्भर हो रही है? खुद ही टूटेगी और उसे अब कोई ठीक करने नहीं आएगा। हम सवाल नहीं पूछते, क्या पता कागजों में सड़क बनी हुई हो? हर सड़क ऐसी ही है ये तस्वीर तो सेक्टर 7-8 को मिलन रेस्तरां की तरफ जाने वाली है।
आपको बता दें कि फरीदाबाद में सब गोलमाल है वाला बड़ा खेल जारी है। हाल में कई पार्षदों ने लगभग 50 करोड़ घोटाले की बात उठाई थी और नगर निगम में आग लग गई थी। इसके पहले कई बड़े पार्कों में करोड़ों की मरम्मत का काम दिखाया गया लेकिन पार्क में एक ईंट तक नहीं लगी। शायद यही वजह है कि तस्वीर पोस्ट करने वाले ने लिखा है क्या पता कागजों पर ये सड़क बनी हुई हो?
ये फरीदाबाद का दुर्भाग्य है या सौभाग्य? या यहां की हर सड़क अब आत्मनिर्भर हो रही है? खुद ही टूटेगी और उसे अब कोई ठीक करने नहीं आएगा।हम सवाल नहीं पूछते, क्या पता कागजों में सड़क बनी हुई हो? हर सड़क ऐसी ही है ये तस्वीर तो सेक्टर 7-8 को मिलन रेस्तरां की तरफ जाने वाली है। pic.twitter.com/umpyu9nroF
— Smart City Faridabad (@SmartCityFbad) September 23, 2020

Post A Comment:
0 comments: