हरियाणा के चर्चित आईएएस अशोक खेमका ने ट्वीट कर सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। खेमका ने हरियाणा सरकार द्वारा हर साल आढ़तियों को दिए जाने वाले कमीशन का मुद्दा उठाया है। खेमका ने परोक्ष रूप से इसे सिस्टम की खामी बताते हुए सीधी अदायगी को किसानों के हित में बताया है।
पंजाब-हरियाणा में धान एवं गेहूँ की सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद पर आढ़तियों को एक साल में लगभग 2,000 करोड़ कमीशन सरकारी खजाने से मिलता है। और, किसानों का भुगतान सीधे नहीं, बल्कि आढ़तियों के मार्फत किया जाता हैं।कुछ बातें समझ से परे होती हैं।
— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) September 12, 2020
अशोक खेमका ने एक ट्वीट करके आढ़तियों को हर साल मिलने वाले दो करोड़ रुपये के कमीशन पर सवाल खड़े किए हैं। यह विवाद हर साल गेहूं व धान के सीजन में होता है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि पंजाब व हरियाणा में धान एवं गेहूं की सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद पर आढ़तियों को एक साल में लगभग दो हजार करोड़ कमीशन सरकारी खजाने से मिलता है। और किसानों को सीधे भुगतान नहीं, बल्कि आढ़तियों के मार्फत किया जाता है। कुछ बातें समझ से परे होती हैं। उन्होंने कहा कि आढ़तियों को अदायगी मंडी में फसल लाए जाने पर उसे डायरी में दर्ज कराने, एजेंसियों को बिकवाने, फसल की तुलाई कराने के बाद बोरियों में पैकिंग कराने व बाद में लदान करवाने तक की जिम्मेदारी के लिए होती है।
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