पलवल, 15 अगस्त। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि आज हम अपने राष्ट्र का 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। इस अवसर पर पलवल की ऐतिहासिक धरती पर तिरंगा फहराकर मुझे बड़े गर्व और खुशी का अनुभव हो रहा है। आजादी के इस पावन पर्व पर उन्होंने सभी को हार्दिक बधाई दी और सभी के सुख-समृद्धि की मंगल कामना की। परिवहन मंत्री ने देश की सीमाओं पर डटे जवानों को भी इस राष्ट्रीय पर्व की बधाई दी और समारोह में उपस्थित स्वतंत्रता सेनानियों का हार्दिक अभिनंदन किया।
श्री मूलचंद शर्मा ने यह विचार शनिवार को स्थानीय नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्टेडियम में जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में ध्वजा रोहण करने व परेड की टुकडियों का निरीक्षण कर जिलावासियों को दिए संदेश में व्यक्त किए। स्वतंत्रता दिवस समारोह में परिवहन मंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों तथा शहीदों के आश्रितों को शॉल भेट कर सम्मानित किया। उन्होंने शहीद स्मारक स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर शहीदों को नमन किया।
उन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले सभी ज्ञात व अज्ञात शहीदों को नमन किया। इसके साथ ही मंत्री ने उन बहादुर सैनिकों को भी सलाम किया, जिन्होंने आजादी के बाद देश की एकता व अखण्डता और सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उन्हीं के बलिदानों के कारण आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते, लेकिन उनके परिजनों को कुछ सुविधाएं देकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य दिखा सकते हैं। राज्य सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों व उनकी विधवाओं को 25 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाती है। वीरगति को प्राप्त होने वाले सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली एक्स-ग्रेेसिया ग्रांट 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए की गई है। भूतपूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की पेंशनों में बढ़ोतरी की गई है। वीरगति को प्राप्त होने वाले हरियाणा के शहीदों के 320 आश्रितों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं।
सेवारत सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों के सम्मान एवं कल्याण के लिए सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण विभाग का गठन किया गया है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को राज्य परिवहन की सामान्य बसों में राज्य की सीमा के अंदर मुफ्त यात्रा सुविधा दी गई है। देश की शरहदों की रक्षा के लिए शहादत देने में भी हरियाणा के वीर हमेशा आगे रहे हैं। आज भी हमारी सशस्त्र सेनाओं में औसतन हर दसवां जवान हरियाणा से है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने पिछले लगभग सवा छ: सालों में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हंै। इससे दुनियाभर में भारत का गौरव बढ़ा है। केन्द्र सरकार ने पिछले साल जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद-370 व धारा 35-ए को हटाकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक अखंड भारत के हमारे महापुरुषों के सपने पूरा करने का काम किया है। इसी तरह तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने से हमारी मुस्लिम बहनों के जीवन में एक नए बदलाव की शुरुआत हुई है और अब वे सामाजिक तौर पर सम्मानजनक व सुरक्षित जीवनयापन कर पाएंगी।
शिक्षा को व्यावहारिक और रोजगार उन्मुखी बनाने के लिए नई शिक्षा नीति लागू की गई है। इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को और गति मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के ओजस्वी नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन के अनुरूप सबका साथ-सबका विकास और हरियाणा एक-हरियाणवी एक के मूलमंत्र पर चलते हुए पूरे हरियाणा और प्रत्येक हरियाणवी के विकास का बीड़ा उठाया है। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए पारदर्शी शासन दिया है। किसान-मजदूर के कल्याण, युवाओं के उत्थान और महिलाओं के सम्मान के लिए नई-नई योजनाएं शुरू की हैं। राज्य सरकार सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके शासन कम से कम-सुशासन अधिकतम की अवधारणा के साथ ईज ऑफ लीविंग की दिशा में काम कर रही है। वर्ष 2020 को सुशासन संकल्प वर्ष के तौर पर मनाया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा लोगों को भ्रष्टाचार-मुक्त व बाधा-रहित सेवाएं प्रदान करने के लिए परिवार पहचान पत्र कार्यक्रम शुरू किया गया है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से समूचे ग्रामीण, शहरी और आबादी देह क्षेत्रों की बड़े पैमाने पर जीआईएस मैपिंग की परियोजना शुरू की गई है। करनाल जिले के गांव सिरसी से गांवों को लाल डोरा से मुक्त करने की एक पायलट परियोजना शुरू की गई है। वर्तमान सरकार ने न केवल शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों और देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले वीर जवानों का मान बढ़ाया है बल्कि खेत में दिन-रात पसीना बहाकर पूरे देश का पेट भरने वाले अन्नदाता किसान की मेहनत का भी पूरा सम्मान किया है। मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत 1.80 लाख रुपये वार्षिक आय या 5 एकड़ तक भूमि जोत वाले परिवारों को 6 हजार रुपए की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जा रही है। मूलधन की अदायगी समय पर करने वाले किसानों को बिना ब्याज के फसली ऋण दिए जा रहे हैं।
किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसल सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। उपज की खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के नाम से ई-खरीद पोर्टल शुरू किया गया है। किसानों को बाजार भाव के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए भावांतर भरपाई स्कीम लागू की गई है। जल संरक्षण तथा मक्का व अरहर खेती के प्रोत्साहन के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की गई है। किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशुपालकों के लिए भी पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है।
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