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गांवों में खोदे जाएंगे देशी खाद के लिए गड्ढे, किसानों को मिलेगा लाभ- चौटाला 

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चंडीगढ़, 20 अगस्त- हरियाणा सरकार अब किसानों के लिए एक और नई फायदेमंद योजना लेकर आई है, इससे जहां फसलों के उत्पादन में प्रयोग किए जाने वाले उनके रासायनिक खाद का खर्च कम होगा वहीं आर्गेनिक अनाज की पैदावार होने से राज्य के लोगों में कोविड-19 जैसी महामारी से लडऩे की क्षमता भी अधिक विकसित होगी। योजना के अनुसार देशी खाद बनाने के लिए जमीन में जो गड्डे खोदे जाते हैं उनको राज्य सरकार मनरेगा के तहत फ्री में खुदवाएगी। इससे जहां मजदूरों को मजदूरी मिलेगी वहीं किसानों को मुफ्त में देशी खाद उपलब्ध होगी। भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। साथ ही, गांव में साफ-सफाई को भी बढ़ावा मिलेगा।

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री  दुष्यंत चौटाला के दिशा-निर्देशानुसार हरियाणा के ग्रामीण विकास विभाग ने निर्णय लिया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत गांवों में देशी खाद के लिए गड्ढे खोदे जाएंगे। गांवों में घेर, खाली स्थान, सडक़ किनारे, खेत आदि स्थानों पर गड्ढे खोदे जाएंगे। गड्ढे खोदने के बाद किसान उसमें अपने पशुओं का गोबर व घर का कूड़ा-कर्कट डालेगा जो बाद में जैविक खाद बन जाएगा। यह खाद फसलों का उत्पादन बढ़ाने में कारगर सिद्घ होगी।

दुष्यंत चौटाला ने बताया कि आजकल किसान अधिक उत्पादन लेने के लिए रासायनिक खाद का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे लगातार भूमि के पोषक तत्त्व समाप्त हो रहे हैं। भूमि की उर्वरा शक्ति केवल जैविक खाद से ही बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि अक्सर देखने में आता है कि गांव के लोग साफ-सफाई करके कुड़ा-कर्कट का ढ़ेर गांव के बाहर लगा देते हैं। इससे जहां गंदगी फैलती है वहीं सडक़ पर कूड़ा बिखरा होने से दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के लोगों की मांग के अनुसार मनरेगा योजना के तहत छोटे, मध्यम व बड़े साइज के गड्डे खोदे जाएंगे जो कि व्यक्तिगत, किसी डेयरी अथवा गौशाला के लिए तैयार किए जाएंगे। इन गड्डों में जहां गांव के लोग अपने पशुओं का गोबर डाल सकेंगे वहीं आस-पास की सफाई करके उसमें गलने वाला कुड़ा-कर्कट भी डाला जा सकेगा। इधर-उधर बिखरा हुआ कूड़ा भी खाद के गड्डों में डाला जा सकेगा।

बकौल डिप्टी सीएम ग्रामीणों को वैज्ञानिक ढ़ंग से जैविक खाद बनाने का तरीका भी समझाया जाएगा ताकि वे अच्छे से खाद बना सकें। उन्होंने बताया कि इस जैविक खाद से ना केवल फसल जल्द विकसित होती है बल्कि फसल की जड़ों को आयरन भी भरपूर मात्रा में मिलता है। यह पौधे की जड़ों को नाइट्रोजन प्रदान करने में भी काफी मदद करता है। इसके अलावा जैविक खाद पौधे की जड़ों में कैल्शियम की सही मात्रा सुनिश्चित करता है।
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