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हरियाणा केबिनेट ने लिया नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा-421 में संशोधन करने का निर्णय 

Haryana-Cabinet-Meeting
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चंडीगढ़ - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में कल हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अक्तूबर, 2018 के चौथे दिन से पहले चुने गए मेयर की नियुक्ति, हटाने या निलंबन को नियंत्रित करने वाली शर्तों के संबंध में हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1994 की धारा-421 में संशोधन के लिए अध्यादेश या/और विधेयक लाने की स्वीकृति प्रदान की गई। यह संशोधन अध्यादेश अक्तूबर, 2018 के चौथे दिन से लागू माना जाएगा, जिस तिथि को हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2018 लागू हुआ था। 

         संशोधन के अनुसार, ‘हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2018 में कुछ भी शामिल होने के बावजूद, हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2018 के लागू होने से पहले नगर निगम के  मेयर के रूप में चुने गए व्यक्तियों की नियुक्ति, हटाने या निलंबन के लिए या ऐसे व्यक्ति(यों) द्वारा खाली किए गए किसी भी पद / कार्यालय को भरना हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 के संबंधित प्रावधानों द्वारा शासित होना जारी रहेगा, जो हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2018 के लागू होने से तुरंत पहले अस्तित्व में था।

        हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2018 के लागू होने से पहले नगर निगम के मेयर के रूप में चुने गए व्यक्ति (यों) में से किसी के खिलाफ किए गए या शुरू की गई या शुरू की जा सकने वाली या शुरू की जाने वाली सभी कार्रवाइयां हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 के संबंधित प्रावधानों द्वारा शासित होंगी, जो हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2018 के लागू होने से तुरंत पहले अस्तित्व में था।

यहां यह उल्लेखनीय है कि हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2018 को राज्य विधानसभा द्वारा अधिनियमित किया गया था और इसे 4 अक्तूबर, 2018 को प्रकाशित किया गया । राज्य विधान सभा द्वारा ऐसा ही एक अधिनियम हरियाणा नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2019 अधिनियमित किया गया जिसे प्रकाशित किया जा चुका है और जो 4 सितम्बर, 2019 से प्रभावी है।

         इस संशोधन द्वारा यह प्रावधान किया गया था कि नगरपालिका [हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 (इसके बाद ‘अधिनियम’ के रूप में संदर्भित) के तहत] अध्यक्ष सहित सभी सीटें प्रत्यक्ष चुनाव में चुने गए व्यक्ति द्वारा भरे जाएंगे। अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए, जो अधिनियम प्रदान किया गया था, उसमें भी संशोधन किया गया और अध्यक्ष को अब नगर पालिकाओं के अन्य सदस्यों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाया नहीं जा सकता। इस संशोधन अधिनियम के माध्यम से नगरपालिकाओं के अध्यक्ष के कार्यालय के संबंध में परिणामी संशोधन किए गए हैं।

        अब, एक अध्यादेश लाकर हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा-421 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया ताकि अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित ऐसे व्यक्तियों के निलंबन, हटाने या उनके द्वारा रिक्त पदों को भरने के संबंध में हरियाणा नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2019 से पहले चुने गए लोगों को नियंत्रित किया जा सके।
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