चंडीगढ़, 10 अप्रैल- कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में लॉकडाउन के चलते प्रशिक्षुओं का बेशकीमती समय नष्ट न हो, इसके लिए हरियाणा के कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग ने प्रासंगिक अध्ययन सामग्री के साथ प्रशिक्षुओं को जोडऩे के उद्देश्य से ई-स्किलिंग (अब घर से पढ़ाओ) के नाम से एक अनूठा कार्यक्रम शुरू किया है।
विभाग के महानिदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने आज एक यूट्यूब लाइवस्ट्रीम सत्र में इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया जिसमें विभाग केअधिकारियों तथा आईटीआई स्टाफ समेत 2200 से अधिक लोगों ने भाग लिया। उन्होंने यूट्यूब के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए उन्हें अपने घरों से प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित करने में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि ई-स्किल संचार की रीढ़ भारत में अत्यंत लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर निर्भर करती है और यह सुनिश्चित करने के लिए एक त्रि-स्तरीय संचार चैनल स्थापित किया गया है कि सही ढंग से क्यूरेट की गई सामग्री समय पर प्रशिक्षुओं तक पहुंच सके। उन्होंने बताया कि सिर्फ एक दिन के रिकॉर्ड समय में 45 हजार से अधिक छात्रों को 1800 से अधिक व्हाट्सएप गु्रप में जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान हालात के दृष्टिïगत अध्ययन के नियमित तरीके पर वापस जाने के लिए एक लंबा समय लग सकता है। इसलिए ट्रेड अनुदेशकों ने ऑनलाइन सामग्री का एक व्यापक पूल बनाने के उद्देश्य से भारत स्किल पोर्टा, यूट्यूब, एनआईएमआई, ऑनलाइन संसाधनों जैसे विभिन्न चैनलों और संसाधनों के माध्यम से ट्रेड से संबंधित सामग्री की क्यूरेटिंग शुरू की है। अब तक 1600 से अधिक कंटेंट पीस की क्यूरेटिंग की जा चुकी है और यह सूची बढ़ती जा रही है तथा जहां भी प्रासंगिक सामग्री उपलब्ध नहीं है वहां ट्रेड अनुदेशकों ने अपने मोबाइल उपकरणों का उपयोग करके वर्कशीट और डेमो पाठ बनाना शुरू कर दिया है।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि दिन भर में एक निश्चित समय अवधि पर संदेश भेज कर प्रशिक्षुओं को तैयार करने के लिए एक सुव्यवस्थित सामग्री प्रसार तंत्र विकसित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षुओं को दिन में तीन बार, प्रात: 11 बजे, बाद दोपहर एक बजे और सायं चार बजे सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा और उसके बाद साप्ताहिक आकलन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग ने रोजगारपरक कौशल अनुदेशकों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए मेधा तथा उद्यम फाउंडेशन्स के साथ भागीदारी की है और उन्होंने भी कंटेंट निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई है। इसके अलावा, क्वेेस्ट एलायंस, जिसे डिजिटल इंटरएक्टिव एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स ट्रेनिंग मॉड्यूल विकसित करने में महारत हासिल है, को एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स और अंग्रेजी संचार पर छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए तैयार किया गया है।
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