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यूट्यूब से नकली नोट बनाने सीखा, CIA-30 के ASI अनूप ने पकड़ा था , कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा 

ASI-Anoop-Kumar-Faridabad
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फरीदाबाद: अपराध  शाखा सेक्टर-30 द्वारा दो साल पहले लगभग 17 रूपये के नकली नोट के साथ पकडे गए आरोपी को कल अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र मलिक ने 10 साल की सजा सुनाई और 20 हजार रूपये का जुर्माना भी ठोंका गया। अपराध शाखा सेक्टर तीस में तैनात रहे ASI अनूप ने 5 जुलाई 2018 को इस आरोपी को दबोचा था। उन्होंने  आरोपी के कब्जे से 16 लाख 59 हजार 100 रुपये के नकली नोट बरामद किए थे । 
ASI अनूप ने बताया कि उन्हें  मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक युवक ने सेक्टर-30 में ऑटो वाले को 100 रुपये का नकली नोट चलाया है। इस सूचना के बाद उन्होंने अपनी टीम को  पूरे सेक्टर-30 में अपना जाल बिछा दिया। उसके बाद पुलिस ने मुखबिर की मदद से आरोपी को सेक्टर-30 इलाके से गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद टीम ने उसके दिल्ली स्थित घर पर छापामारी कर नकली नोट और नकली नोट बनाने में प्रयोग होने वाला सामान बरामद कर लिया था।

उस समय अपराध शाखा सेक्टर 30 के प्रभारी संदीप मोर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान दिल्ली राजौरी गार्डन निवासी अनमोल के रूप में हुई थी । आरोपी मूल रूप से कर्नाटक का रहने वाला था और  लंबे समय से उसका परिवार दिल्ली में रह रहा था । आरोपी 12वीं कक्षा तक पढ़ाई के बाद  स्नातक की पढ़ाई कर रहा था और उसने दावा किया था कि वो आईबीएम कंपनी में कॉलसेंटर की नौकरी कर चुका है।

करीब तीन माह पहले आरोपी की नौकरी छूट गई थी। जिससे वह परेशान हो गया था। दूसरी नौकरी न मिलने पर उसके दिमाग में नकली नोट बनाने का विचार आ गया। नकली नोट बनाने के लिए उसने लैपटॉप, प्रिंटर, कटर और स्कैनर खरीद लिए। वहीं स्टेशनरी की दुकान से कागज खरीद लाया। करीब डेढ़-दो माह पहले उसने 100 रुपये के नोट बनाने शुरू कर दिए थे।

आरोपी को कंप्यूटर की काफी जानकारी थी । उसने यूट्यूब पर नोट बनाने को लेकर काफी वीडियो देखे थे। जिससे उसे नकली नोट बनाने में महारत हासिल हो गई। बेरोजगारी के चलते उसने यूट्यूब पर वीडियो देखकर नकली नोट बनाने की तकनीकी जानकारी हासिल की थी। वह अक्सर देर शाम अपने घर से नकली नोट बनाकर फरीदाबाद की ओर चलता था। अपनी आईटेन कार को मेट्रो स्टेशन पर खड़ी कर देता था। मेट्रो स्टेशन पर कार खड़ी करने के बाद वह अगले मेट्रो स्टेशन पर जाने के लिए ऑटो में सवार हो जाता था। जैसे ही अगला मेट्रो स्टेशन आता तो वह उतरकर ऑटो चालक को 100 रुपये देता। 10 रुपये का किराया लेने के बाद चालक उसे 90 रुपये वापस कर देता था। इस तरह वह कई ऑटो बदलता था। सभी ऑटो चालकों को 100 -100 रुपये के नकली नोट थमाता था। वहीं रेहड़ी वालों से भी रात के वक्त में ही सामान की खरीदारी करता था। आरोपी कई माह से नकली नोट बनाने के गोरखधंधे में लिप्त था और  बाजार में 10 से 12 लाख रुपये के नकली नोट चला चुका था । आरोपी ने फरीदाबाद के अलावा दिल्ली में भी नकली नोट चलाए थे।
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