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19 जनवरी को लाखों कश्मीरी पंडितों के जख्मों पर नमक छिड़केंगे जेहादी, टुकड़े गैंग और वामपंथी 

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नई दिल्ली: 19 जनवरी 1990 को वो दिन माना जाता है जब कश्मीर के पंडितों को अपना घर छोड़ने का फरमान जारी हुआ था।  4 जनवरी 1990 को उर्दू अखबार आफताब में हिज्बुल मुजाहिदीन ने छपवाया कि सारे पंडित कश्मीर की घाटी छोड़ दें।  अखबार अल-सफा ने इसी चीज को दोबारा छापा।  चौराहों और मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाकर कहा जाने लगा कि पंडित यहां से चले जाएं, नहीं तो बुरा होगा। इसके बाद लोग लगातार हत्यायें औऱ रेप करने लगे।  कहते कि पंडितो, यहां से भाग जाओ, पर अपनी औरतों को यहीं छोड़ जाओ।  सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 60 हजार परिवार कश्मीर छोड़कर भाग गये।  उन्हें आस-पास के राज्यों में जगह मिली।   
19 जनवरी 1990 को सबसे ज्यादा लोगों ने कश्मीर छोड़ा था। उस दिन लगभग 4 लाख कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर छोड़ा था। लोगों ने रोते विलखते कश्मीर छोड़ा। कई परिवारों की महिलाओं, बहन बेटियों के साथ बलात्कार तक कर दिया गया था। कश्मीरी पंडित 19 जनवरी को शायद ही आजीवन भूल सकें लेकिन अब लगभग 30 साल बाद उनके जख्मों को कुरेदकर उस पर नमक भरने की तैयारी कहीं और नहीं दिल्ली के शाहीन बाग़ में चल रही है। टुकड़े गैंग की समर्थक कही जाने वाली स्वरा भाष्कर की मानें तो 19 जनवरी 2020 को शाहीनबाग में "जश्न ऐ शाहीन" मनाया जाएगा।
हरियाणा अब तक बार-बार अपने पाठकों को बता रहा है कि शाहीन बाग़ में बड़ा खेल चल रहा है। बड़ी साजिश रची जा रही है। वहां टुकड़े गैंग समर्थक मीडिया से ही अच्छा व्योहार किया जा रहा है। अन्य कोई मोबाइल से कोई वीडियो बनाता है तो उसके आस पास कई लोग खड़े रहते हैं और देखते रहते हैं कि वीडियो बनाने वाला क्या बोल रहा है जैसा की इस वीडियो में आज देख सकते हैं।
कश्मीरी पंडितों की बात करें तो वो  19 जनवरी को जनसंहार दिवस मनाएंगे। भारत ही नहीं  अमेरिका, इंग्लैंड सहित कई देशों में सभाएं होंगी क्यू कि  वर्ष 1990 को इसी दिन आतंकियों और कट्टरपंथियों ने उन्हें घाटी से बाहर निकल जाने को मजबूर किया था। सैकड़ों कश्मीरी पंडितों की हत्या तक कर दी थी।
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