चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस कई तरह की समस्याओं से जूझ रही है जिसे अब गृह मंत्री अनिल विज से काफी उम्मीदें हैं। पुलिस के सूत्रों की मानें तो अब भी प्रदेश के कई थानों में कंडम गाड़ियां हैं। एक थाना क्षेत्र में चार बारदातें या चार दुर्घटनाएं एक साथ हो जाएँ तो पुलिस हर जगह नहीं पहुँच सकती। कई थानों की गाड़ियां इतनी कंडम हैं कि धक्के मारकर स्टार्ट करनी पड़ती हैं। पुलिसकर्मियों को डाइट के लिए 600 रूपये प्रतिमाह मिलते हैं यानी हर रोज 20 रूपये और पुलिसकर्मी अगर दो वक्त भी भोजन करते हैं तो एक वक्त के भोजन के लिए 10 रूपये और आजकल 10 रूपये में तो सिर्फ एक चाय ही मिल सकती है। एक वक्त का भोजन कम से कम 50 रूपये का पड़ता है।
अधिकतर थाने चौकियों में लांगरी की व्यवस्था नहीं है और पुलिसकर्मियों को अपने खर्चे पर कुक रखना पड़ता है। पुलिस को प्रति माह साइकिल अलाउंस के लिए 120 रूपये प्रतिमाह मिलता है और आजकल शायद ही कोई पुलिसकर्मी साइकिल से चलता है।
हरियाणा पुलिस कई वर्षों से पंजाब के सामान वेतन की मांग कर रही है। चुनावों के समय तमाम पार्टियां ऐसा वादा भी करती हैं लेकिन ये वादा-वादा ही रह गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2014 में सरकार बनने से पहले भाजपा ने वादा किया था कि सरकार बनते ही 1 नवंबर 2014 से पुलिस व जेल कर्मचारियों को पंजाब, हिमाचल और चंडीगढ़ के समान वेतन देंगे, लेकिन वह वादा भी झूठा साबित हुआ है। अब फिर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है और पुलिस कर्मियों को उम्मीद है कि गृह मंत्री अनिल विज उनकी समस्याओं को समझ सकेंगे और उनकी समस्याएं दूर करेंगे।
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