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मनोहर, चौटाला की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खास बैठक में दिए गए ये निर्देश 

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चंडीगढ़, 13 नवम्बर- हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने नई सरकार की दूसरी पारी की शुरूआत समाज हित के सात मुख्य बिंदूओं पर फोकस करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हरियाणा सिविल सचिवालय की चौथी मंजिल स्थित मुख्य कमेटी कक्ष से जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के साथ आरंभ की तथा आगामी 16 व 17 नवम्बर को हरियाणा शिक्षा बोर्ड, भिवानी द्वारा अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटीईटी) निबार्ध ढ़ंग व नकल रहित तरीके से आयोजित करने के अधिकारियों को सुरक्षा के पुख्ता प्रबन्ध करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में उप मुख्यमंत्री  दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे।

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जिन सात मुख्य बिंदूओं पर ध्यान केन्द्रित करने के निर्देश दिए उनमें अध्यापक पात्रता परीक्षा, प्रदेश को नशा मुक्त बनाना, सडक़ दुर्घटना कम करने के लिए हरियाणा विजन जीरो पर गंभीरता से संज्ञान लेना, बीपीएल कार्ड, स्वच्छता अभियान, पराली फसल अवशेष प्रबन्धन तथा भारत सरकार द्वारा एक जनवरी, 2020 से आरंभ किये जाने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापक पात्रता परीक्षा में परीक्षार्थियों की परीक्षा केन्द्र में प्रवेश से पहले अच्छी तरह सुरक्षा जांच हो जाए ताकि कोई अनुचित साधन के प्रयोग न  कर सके।
बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि लगभग 2.84 लाख परीक्षार्थी अध्यापक पात्रता परीक्षा में प्रविष्ठ करेंगे और प्रदेश के सभी 22 जिलों में कुल 24 स्थानों पर 367 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। परीक्षा केन्द्रों के आसपास धारा 144 लागू रहेगी तथा निकट में कोई भी फोटोस्टेट करने की दुकान खुली नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटीईटी) आयोजित करने के लिए किए गए प्रबन्धों की समीक्षा भी की। मुख्यमंत्री ने यातायात के सुचारू प्रबन्ध करने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान किसी भी सूरत में पराली न जलाए, इसके लिए जिला उपायुक्तों को विशेष फोकस करना होगा। सर्वोच्च न्यायालय व राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल के भी दिशा-निर्देशों की अनुपालना करते हुए हमें इस बात पर भी बल देना होगा कि व्यवस्था कैसे ठीक करनी है।
  उन्होंने कहा कि हाल ही में हरियाणा सरकार ने पराली न जलाने वाले छोटे एवं सीमांत किसानों को गैर-बासमती धान के फसल अवशेषों के एक्स-सीटू तथा इन-सीटू प्रबंधन के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) और स्ट्रॉ बेलर यूनिट संचालकों को परिचालन लागत के रूप में 1000 रुपये प्रति एकड़ का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, गैर-बासमती धान की पराली न जलाने पर छोटे एवं सीमांत किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इस कार्यक्रम को सभी उपायुक्त गंभीरता से लें और उन्हीं किसानों को इसका लाभ मिलना चाहिए, जिन्होंने पराली नहीं जलाई है। उन्होंने कहा है कि सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, जींद और हिसार पांच जिलों में इस कार्यक्रम की निगरानी के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव व प्रधान सचिव स्तर के अधिकारियों की डयूटियां लगाई हैं। उन्होंने उपायुक्तों को इस बात के भी निर्देश दिए हैं गेहूं की बुआई 15 नवम्बर तक हो जाए और इसके लिए यूरिया व अन्य उर्वरकों का आवश्यक स्टॉक विभाग के पास उपलब्ध है।
नशा मुक्ति पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि यह केवल हरियाणा की समस्या नहीं है बल्कि उत्तरी राज्यों की समस्या है। इस दिशा में हरियाणा की पहल पर उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों व अन्य एजेन्सियों के वरिष्ठ अधिकारियों की दो बैठकें आयोजित हो चुकी हैं। पंचकूला में नशा मुक्ति नियंत्रण का संयुक्त सचिवालय बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने में खाप पंचायतों व समाज के अन्य प्रबुद्ध व्यक्तियों का सहयोग लिया गया था, ठीक उसी प्रकार नशा मुक्ति अभियान में भी इनका सहयोग लिया जाना चाहिए।
पुलिस महानिदेशक श्री मनोज यादव ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि हरियाणा पुलिस द्वारा मादक पदार्थों की अवैध बिक्री रोकथाम के लिए निरंतर अभियान चलाया जाता है तथा अकेले सिरसा जिले में 2087 मामले दर्ज किये गए तथा 2717 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने 2.266 क्विंटल मादक पदार्थ बरामद किये।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती नीरजा शेखर ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि प्रदेश में कुल 74 नशा मुक्ति केन्द्र संचालित हैं। जिला स्तर पर समन्वय कमेटियां गठित की गईं हैं, जिनकी नियमित बैठकें होती रहती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा मुक्ति केन्द्रों का संचालय विधिवत तरीके से हो, इसके लिए प्राईवेट लाईसेंस देने हो तो भी नियम अनुसार ही दिए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नशा मुक्ति केन्द्रों में आवश्यक स्टॉफ की उपलब्धतता सुनिश्चित की जानी चाहिएं।
बैठक में श्री मनोहर लाल ने कहा कि बढ़ती सडक़ दुर्घटनाएं भी एक चुनौती का विषय है। ट्रकों व अन्य वाहनों की ओवरलोडिंग भी इसका एक मुख्य कारण है और अधिकारियों को ओवरलोडिंग के चालान काटने से बचना नहीं चाहिए। जिला सडक़ सुरक्षा परिषदों की नियमित बैठकें की जानी चाहिए। लोगों को यातायात नियमों के बारे जागरूक किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात संकेतक तथा दुर्घटना संभावित खतरनाक मोड़ों पर विशेष चिन्ह अंकित किए जाने चाहिएं ताकि वाहन चालक पहले से ही सचेत हो जाए।
मुख्यमंत्री को इस बात की भी जानकारी दी गई कि हरियाणा विजन जीरो लागू होने के बाद दो महीने में प्रदेश में सडक़ दुर्घटनाओं में 11 प्रतिशत की कमी आई है। हरियाणा सडक़ सुरक्षा एसोसिएट के साथ हुए एमओयू को आगामी दो महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है।

मुंख्यमंत्री को बैठक में बीपीएल कार्ड के बारे जानकारी देते हुए बताया गया कि आदर्श आचार संहिता के चलते नये बीपीएल कार्ड बनाने का कार्य बंद था। ग्रामीण क्षेत्रों में 4 लाख 38 हजार तथा शहरी क्षेत्रों में 2 लाख 15 हजार नये आवेदन प्राप्त हुए हैं। बीपीएल कार्ड बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे जाते हैं। केन्द्र सरकार की 1.20 लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा की शर्त के स्थान पर हरियाणा सरकार की 1.80 लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा की शर्त के अनुरूप नये बीपीएल कार्ड बनवाए जा रहे हैं और 30 नवम्बर के बाद नया डाटा उपलब्ध होगा।
स्वच्छता अभियान के बारे जानकारी देते हुए बैठक में बताया कि हरियाणा ग्रामीण ओडीएफ फ्री राज्य बनने वाला देश का पहला राज्य है और केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के लिए हर वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण करवाए जाते हैं। विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में हरियाण तमिलनाडु ने बाद देश में दूसरे स्थान पर है, प्रदेश के भिवानी जिले को दूसरा तथा महेन्द्रगढ़ जिले को देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि वेस्ट उपयोगिता कैसे हो इसके लिए हमें योजनाएं बनानी चाहिएं चाहे वह ठोस कचरा हो या तरल कचरा हो, हर वेस्ट को वैल्थ बनाना होगा, चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र की हो या शहरी क्षेत्र की हो। विभाग के बजट के साथ-साथ राज्य टास्क फोर्स के लिए भी बजट का प्रावधान किया गया है।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती नवराज संधू, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अलोक निगम, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.सी.गुप्ता के अलावा अन्य विभागों के प्रशासनिक सचिव भी उपस्थित थे।
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