नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर के अनचाहे जहर पी रहे हैं। हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद के लोगों का भी हाल बहुत बेहाल है। गुरुग्राम की एयर इंडेक्स क्वालिटी 950 पार कर गई है तो फरीदाबाद की 600 के ऊपर पहुँच गई तो बहुत घातक है। लाखों लोगों के फेफड़े ख़राब हो रहे है। हालात बदतर होते जा रहे हैं। हर किसी की औसत आयु 15 साल कम हो रही है। प्रदूषण से आपातकाल जैसे हालात होते जा रहे हैं। हरियाणा की नई नवेली सरकार क्या कदम उठाती है ये तो वक्त बताएगा लेकिन पिछले दो सालों से जिस तरह फरीदाबाद और गुरुग्राम प्रदूषित होता जा रहा है उससे सवाल उठने जायज हैं।
उम्मीद है दूसरी बार खट्टर सरकार ढोंग ढकोसले न कर इन मुद्दों पर सोंचेगी। खट्टर पहले कार्यकाल में ढकोसले-चिंतन-मनन ज्यादा कर रहे थे ताकि भाजपा को 75 पार पहुँचाया जाए। तमाम जयंतियों में करोड़ों रूपये बरबाद कर दिए गए। वही पैसे किसानों पर खर्च करते तो किसान पराली जलाने पर मजबूर न होते। कहा जा रहा है किसानों के पराली जलाने के कारण एनसीआर में इतना प्रदूषण बढ़ा है।
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