नई दिल्ली/ फरीदाबाद 15 नवम्बर- राम जन्म भूमि के पक्ष में सुनाए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट को महत्वपूर्ण माना गया है। अब इसी रिपोर्ट के आधार पर राम मंदिर के लिए बनने वाली ट्रस्ट में गुर्जर समाज का प्रतिनिधि शामिल करने की भी मांग उठी है। सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट देने वाले एएसआई के पूर्व निदेशक केके मुहम्मद ने भी बयान दिया है कि खुदाई के दौरान गुर्जर प्रतिहार शैली के साक्ष्य मिले थे। फैसले के दिन से ही देश भर के गुर्जर समाज के लोग मंदिर निर्माण में अपने समाज के प्रतिनिधित्व की मांग कर रहे हैं। गुर्जर सेना ने भी अब इस बारे में आवाज बुलंद की है। गुर्जर सेना के संस्थापक विजय बैसला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अयोध्या श्रीरामलला विराजमान के लिए बनने वाले ट्रस्ट में गुर्जर समाज को प्रतिनिधित्व देने की मांग के साथ एएसआई की रिपोर्ट का हवाला दिया है।
विजय बैसला का कहना है कि एएसआई के पूर्व निदेशक के.के. मोहम्मद ने अयोध्या में हुई खुदाई में मिली प्राचीन इमारत के अंश को 12वीं सदी में गुर्जर प्रतिहार वंश के पूवर्जों ने बनवाए जाने की पुष्टि की है। इस आधार पर अब गुर्जर समाज सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या श्रीराम मंदिर में सहयोग और सेवा करने की इच्छा रखता है। इसके लिए ट्रस्ट में गुर्जर समाज का प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
विजय बैसला ने कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने विवादित स्थल की खुदाई कराई थी। इस खुदाई में यहां राम मंदिर होने के अवशेष मिले है और विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस मंदिर का निर्माण गुर्जर प्रतिहार वंश के राजाओ ने कराया था। विभाग के पूर्व निदेशक के.के. मोहम्मद ने इस बारे में कोर्ट में हलफनामा दिया है। विजय ने कहा कि गुर्जर समाज गुर्जर प्रतिहार वंश का ही वंशज है। अब जब नए सिरे से मंदिर बन रहा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसके लिए एक ट्रस्ट का गठन किया जाना है तो हमें गुर्जर प्रतिहार वंश का वंशज होने के नाते इस ट्रस्ट में भागीदारी मिलनी चाहिए।
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