चंडीगढ़/ फरीदाबाद: फेरस के ठगों को लेकर अब Department of Town and Country Planning के अधिकारियों पर भी सवाल उठने लगा है। निवेशकों का कहना है कि फेरस के ठग इस विभाग के अधिकारियों से मिले हुए हैं। निवेशकों का कहना है कि लगभग सवा साल पहले फेरस के ठगों पर ग्रेटर फरीदाबाद में फ्लैट निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल सहित अन्य नियमों की अवहेलना करने के आरोप में जिला नगर योजनाकार संजीव मान की शिकायत पर भूपानी थाना पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत फेरस बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। लेकिन उस मामले में भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। निवेशकों का आरोप है कि शायद विभाग के अधिकारियों और ठगों में समझौता हो गया।
एक जानकारी के मुताबिक़ 11 जून 2018 को ताजपुर पहाड़ीबाबा मोहन नगर, बदरपुर नई दिल्ली निवासी मोहम्मद सफीक ने जिला नगर योजनाकार संजीव मान को शिकायत दी थी जिसमे सफीक ने बताया था कि उसने मैसर्स फेरस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से एक फ्लैट लिया हुआ है। सफीक का आरोप था कि फेरस बिल्डर ने फ्लैट निर्माण में नियमों की अवहेलना की हुई है। उन्होंने बताया था कि फेरस को त्रिवेण फेरस द्वारा लाइसेंस दिया हुआ है, लेकिन 13 अक्टूबर 2016 को जिला नगर योजनाकार के निदेशक की ओर से फेरस के लाइसेंस को ट्रांसफर करने के आवेदन को रद किया जा चुका था। शिकायत में यह भी था कि फेरस द्वारा फ्लैट धारकों से बाह्य विकास शुल्क की राशि वसूल कर ली, लेकिन विभाग के पास जमा नहीं कराई। इस बिल्डर का लाइसेंस का न तो नवीनीकरण कराया गया है और न ही हरेरा में पंजीकृत है। इसकी वजह से सफीक ने बिल्डर के खिलाफ मामला दर्ज करने की शिकायत दी थी।
भूपानी थाने में मामला भी दर्ज कर लिया गया था लेकिन सवा साल हो गए कुछ नहीं हुआ। ये मामला 3 अगस्त 2018 को आईपीसी की धारा 420, 406 और हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम, 1975 की धाराओं के तहत दर्ज हुआ था लेकिन लग रहा है कि एफआईआर रद्दी की टोकरी में डाल दी गई। फेरस के ठगों ने इधर-उधर करके मामले को दबवा दिया। हरियाणा अब तक को लगातार फेरस के ठगों के खिलाफ चल रहे मामलों की जानकारी मिल रही है और शहर के कई विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत से फेरस के ठगो ने सैकड़ों लोगों से सैकड़ों करोड़ की ठगी की है। उच्च स्तर पर इन ठगों के बारे में जांच करवाई जाए तो कई अधिकारी नप सकते हैं।
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