Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

देसी गीजर ना बिजली का झंझट और ना ही गैस की चिंता

Deshi-Geezar-Haryana
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

राकेश शर्मा : सर्दी के दिनों में पानी गर्म करने के लिए आपको अपनी जेब ढीली करनी ही पड़ती है और गर्म पानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक गीजर या फिर गैस गीजर का प्रयोग किया जाता है बाजार में जहाँ गैस गीजर 1500 रुपए से लेकर 3000 रुपए में बेचे जा रहे है वही इलेक्ट्रॉनिक गीजर 3500 रुपये 8000 रुपए में मिल रहे है लेकिन इन सब के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में रद्दी अखबार औऱ गोबर के उपलों का प्रयोग करके गर्म पानी किया जा रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में इन गीजरों की बहुत डिमांड बढ़ गई है। देशी गीजर बेचने वाले राजपुरा (पंजाब) के जोनी ने बताया कि वह सर्दी के दिनों में गांव दर गांव गीजर बेच रहा है और हर रोज 10 गीजर बेच देता है इन गीजरों को बनाने पर लगभग 700 रुपए का खर्च आता है और वह 800 से 1000 रुपए में इसको बेच देता है बिजली के दाम बढ़ने के कारण  और घर से बाहर बिजली के मीटर लगने से गांव में इलेक्ट्रॉनिक गीजरों का प्रयोग कम किया जाता है। जिसके कारण गांव में देसी गीजरों की मांग बढ़ रही है और अच्छी बिक्री भी हो जाती है।
गैस गीजर या फिर इलेक्ट्रॉनिक गीजरों में जहाँ 5 से 10 लीटर ही पानी गर्म होता है वही इन देसी गीजरों में तकरीबन 40 से 45 लीटर पानी गर्म किया जा सकता है। 

जोनी ने बताया कि  वह पिछले 4-5 साल से गीजर बेचने का कार्य कर रहा है और अपना व अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है इन गीजरों को बनाने के लिए ना ज्यादा मेहनत की जरूरत होती है और ना ही ज्यादा खर्चा किया जाता है। इन गीजरों कागज, पोलोथिन या फिर गोबर के उपलों का इस्तेमाल किया जाता है इनके प्रयोग से ना कोई प्रदुषण फैलता है और ना कोई दुर्घटना का भय रहता है। 
फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

Haryana News

Post A Comment:

0 comments: