फरीदाबाद: अगर इस देश में नेता हो तो स्वर्गीय पंडित शिव चरण लाल शर्मा जैसा हो। ये कहना है युवा समाजसेवी हरवीर मावी और जीतन डागर का जिन्होंने कहा कि पंडित जी जब मंत्री थे तक वो सुबह पांच बजे स्नान ध्यान करके अपने घर के बाहर बैठ जाते थे और जनता की समस्याएं सुन उनका समाधान भी करते थे जबकि आज के नेता 9 बजे सोकर उठते हैं और अगर कोई नेता मंत्री बन गया तो उसके कदम जमीन से आसमान की तरफ रहते हैं। जनता मंत्रियों के आस पास तक भी नहीं पहुँच पाती है और अगर कोई मंत्री से बात करना चाहता है तो सुरक्षा में लगे जवान जनता तो दूर भगा देते हैं जबकि एनआईटी में पंडित शिव चरण लाल शर्मा के कार्यकाल में गरीब से गरीब लोग उन तक पहुँचते थे और उस समय पंडित जी किसी को महसूस नहीं होने देते थे कि वो हरियाणा के मंत्री हैं। ऊपर की तस्वीर वार्ड नंबर एक की है जहाँ आज नीरज शर्मा का ऐतिहासिक स्वागत हुआ। ये वीडियो देखें खबर आगे जारी है।
हरबीर मावी ने काफी भावुक होते हुए कहा कि गत वर्ष पंडित जी की जब तबियत ख़राब हुआ तब उनके पुत्र मुकेश शर्मा, मुनेश शर्मा और नीरज शर्मा ने कहा कि आप थोड़ा आराम कर लिया करें लेकिन पंडित जी ने आराम नहीं किया और सुबह समय से घर के बाहर बैठ लोगों की समस्याएं सुनते रहे और समाधान करवाते रहे लेकिन अचानक उनकी तबियत ज्यादा ख़राब हुई और 2018 के सितम्बर महीने में 11 तारीख को रात्रि 2: 52 पर उन्होंने दुनिया छोड़ दी और एनआईटी के विकास पुरुष पंडित जी हमेशा के लिए क्षेत्र की जनता से दूर हो गए।
उन्होंने ने कहा कि एनआईटी विधानसभा क्षेत्र सबसे पिछड़ा क्षेत्र था लेकिन पंडित जी ने इसे हरियाणा का सबसे अच्छा विधानसभा क्षेत्र बनाया लेकिन अब ये क्षेत्र फिर हरियाणा का सबसे पिछड़ा क्षेत्र बन गया और क्षेत्र के लोग कहते है कि इस दुनिया में अगर नरक कहीं हैं तो हरियाणा के फरीदाबाद जिले की एनआईटी विधानसभा क्षेत्र में है। मावी ने कहा कि क्षेत्र की जनता अब शर्मशार होने लगी है और अब फिर एक बार पूर्व मंत्री पंडित शिव चरण लाल शर्मा के पुत्र को जिताना चाहती है।
जीतन डागर ने कहा कि नीरज शर्मा ही एनआईटी का भला कर सकते हैं जैसे उनके पिता पंडित शिव चरण लाल शर्मा ने किया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने पिछले चुनावों में खुद को बेचारा साबित करवाया लेकिन अब उन्होंने आलीशान दफ्तर बना दिया जो कई करोड़ से बना है, उनके घरो में लग्जरी गाड़ियां आ गईं जो 50 लाख रूपये से ऊपर की हैं। कहाँ से आया ये पैसा? डागर और मावी ने कहा कि बेचारा बनकर उसने एनआईटी को लूट लिया और विकास का नारा देकर एनआईटी का विनाश कर दिया और एनआईटी को नरक बना दिया।
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