कैथल/कलायत। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल गुरुवार को अलग ही अंदाज में नजर आए। उन्होंने इशारों ही इशारों में रणदीप सुरजेवाला पर निशाना साधा और कहा कैथल छोड़कर जींद उपचुनाव में भाजपा को खत्म करने गया था। सोच रहा था कि जींद से दिल्ली नजदीक आ जायेगी। उसकी क्या गत हुई वह जनता जानती है। मात्र कुछ वोटों से अपनी जमानत बचा पाया। अब वो ना कैथल का रहा और ना ही जींद का रहा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तंज कसते हुए कहा जो भाजपा से टकरायेगा, उसका घमंड चूर-चूर हो जायेगा। आज उस कांग्रेसी नेता की वही हालत हो गई है। मुख्यमंत्री गुरुवार को कलायत विधानसभा क्षेत्र के राजौंद में भाजपा प्रत्याशी कमलेश ढांडा के समर्थन में रैली को संबोधित कर रहे थे।
जींद की जनता ने मारा धक्का
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस के उस नेता को जींद की जनता ने ऐसा धक्का मारा कि अब कैथल से भी गया। मुख्यमंत्री कहा कि भाजपा सिस्टम के तहत काम करती है, जबकि कांग्रेस का कोई सिस्टम ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का एक ही टारगेट है कि किस तरह से वंशवादी परिवार को खुश किया जाये। कांग्रेस के नेता एक ही परिवार की सेवा में लगे हुए हैं।
48 सालों पर पांच साल भारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद हर चुनाव में बीजेपी को फ्रंट में जीत मिल रही है। पांच साल ढाई करोड़ लोगों को अपना परिवार मानकर मैंने सेवा की है। उनकी सेवा में कभी दिन नहीं देखा और ना कभी रात देखी। सेवा में इतना तल्लीन हुआ कि कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग हमारा पांच साल का काम और पिछली सरकारों के 48 साल के काम का आंकलन करें। आपको लगेगा कि हमारा पांच साल पिछले 48 सालों पर भारी है।
भाजपा ने नेताओं की छवि को सुधारा
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने राजनीति के मायने बदले हैं। इसकी प्रेरणा उन्हें राष्ट्रीय नेतृत्व से मिली है। 2014 से पहले नेताओं की छवि देश में अच्छी नहीं थी। अच्छे लोग राजनीति में आने से इंकार करते थे। लेकिन मोदी ने राजनीति के मायने बदले और नेताओं की छवि को सुधारा। मनोहर लाल ने कहा कि उसी नेतृत्व का हमने भी अनुसरण किया। पहले राजनीति में लोग सत्ता भोगने के लिए आते थे और अपना, रिश्तेदारों, जीजा साला का घर भरते थे। लेकिन हमने इस राजनीति को बदल दिया है। अब नेता राजनीति को समाज सेवा का साधन मानने लगे हैं। हमने युवाओं के भविष्य पर ध्यान दिया। पहले की सरकारों में पर्ची और खर्ची से सरकारी नौकरियां मिली थीं। इस सिस्टम पर हमने ताला लगाकर युवाओं में पढ़ाई के प्रति रूचि पैदा की। आज युवाओं में पढ़ाई के होड़ लगी हुई है। उनको पता लग गया है कि भाजपा सरकार में टैलेंट से नौकरी मिलेगी।
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