नई दिल्ली- हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए लगभग 25 दिन के अंदर मतदान होने वाले हैं। आशंका है कि इस चुनावों में प्रदेश कांग्रेस को गुटबाजी नाम की जहरीली बिच्छू डंक मार सकती है और 24 तारिख की शाम भाजपा प्रदेश में दिवाली मना सकती है। कांग्रेस ईवीएम पकड़कर तड़पती दिखाई दे सकती है। कहा जाएगा कि ईवीएम की वजह से ऐसा हुआ है। हरियाणा कांग्रेस की बात करें तो प्रदेश में अब भी बड़ी गुटबाजी जारी है। प्रदेश संगठन में गुटबाजी बृहस्पतिवार को खुलकर सामने आ गई। एक ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा यहां पंजाब भवन में चुनाव कमेटी के साथ पार्टी प्रत्याशियों से लेकर चुनावी रणनीति पर मंथन कर रहे थे, वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर काॅन्स्टीट्यूशन क्लब में समर्थकों के साथ बैठक में व्यस्त रहे। चुनाव के लिए कांग्रेस हाईकमान की ओर से गठित विभिन्न कमेटियों की अब तक हुई बैठकों में तंवर ने हिस्सा नहीं लिया है। तंवर ने अब दो टूक कह दिया कि वे इस तरह की बैठकों में शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस की बात करें तो अब भी हुड्डा गुट के लोग हुड्डा को, तंवर गुट के लोग तंवर को, सैलजा गुट के लोग सैलजा को, सुरजेवाला गुट के लोग सुरजेवाला को, किरण चौधरी गुट के लोग किरण चौधरी को, कैप्टन अजय यादव गुट के लोग अजय यादव को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं। यही नहीं कुलदीप बिश्नोई गुट के लोग कुलदीप बिश्नोई को अगले सीएम के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। इस तरह हरियाणा कांग्रेस में इस समय 7 गुटों में बंटी है और 7 नेता सीएम का ख्वाब देख रहे हैं। चुनाव के ठीक पहले ऐसी गुटबाजी हरियाणा कांग्रेस की नाव डुबो सकती है।
Post A Comment:
0 comments: