नई दिल्ली: इन्सान तो इंसान है जानवर भी अपनी औलाद के लिए हर वो काम करता है जिससे उनके औलाद पर आंच न आ सके। अपनी औलाद के लिए माता-पिता किसी भी हद से गुजरते देखे गए हैं। हरियाणा में वही हो रहा है और गुरुग्राम के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत सिंह ने अब दिल्ली में डेरा जमा लिया है और अपनी बेटी आरती राव की टिकट के लिए वही करने का प्रयास कर रहे हैं जो एक पिता अपनी औलाद के लिए करता है। औलाद वाले ही जानते हैं कि औलाद का जीवन में कितना महत्व है। जिनके बाल-बच्चे नहीं हैं वो शायद ही औलाद का दर्द समझ सकें।
हरियाणा अब को पुख्ता जानकारी मिली है कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने आज अपने समर्थकों के साथ दिल्ली में बैठक की। सूत्रों की मानें तो राव इंद्रजीत ने अपने केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा देने की मांग भी कर दी है। बताया जा रहा है कि यह बात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी तक पहुंच गई है। वही अब इस मामले पर फैसला लेंगे।
राव इंद्रजीत अब दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। समर्थकों की बैठकें कर वे कहीं न कहीं पार्टी पर भी दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। चर्चा ये भी है कि राव इंद्रजीत ने राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह का उदाहरण दिया है कि उन्होंने सांसद होते हुए अपने बेटे बिजेंद्र सिंह को टिकट दिलवा दी। उन्होंने केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा दिया था, ऐसे में इंद्रजीत अपनी बेटी के लिए इस्तीफा देने को भी तैयार हैं। इंद्रजीत के इस कदम से हरियाणा की राजनीति में हड़कंप मच गया है। अफवाहें हैं कि उनकी हुड्डा-सैलजा से मुलाकात हो चुकी है और बेटी को टिकट न मिलने से वो भाजपा छोड़ देंगे।
पार्टी में यदि राव इंद्रजीत की बेटी को टिकट दी जाती है तो अन्य सांसद, विधायक भी अपने परिजनों के लिए टिकट की डिमांड कर सकते हैं। यदि उन्हें नजरअंदाज कर आरती राव को टिकट दे दी गई तो यह पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा। इससे कहीं न कहीं अन्य नेता व कार्यकर्ताओं में असंतोष की भावना जागेगी। ऐसे में पार्टी द्वारा इस मामले पर निर्णय लेना कड़ी चुनौती से कम नहीं है।
बता दें कि आरती राव पिछले काफी समय से रेवाड़ी क्षेत्र में सक्रिय है। पिछले दिनों सीएम की जन आशीर्वाद यात्रा में आरती राव ने भी कार्यक्रम लिया था। सीएम के बढ़े कद के बाद राव इंद्रजीत भी उनके कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इंद्रजीत अपनी राजनीतिक विरासत बेटी को सौंपना चाहते हैं। देखना विशेष रहेगा कि वे कितना कामयाब हो पाते हैं।
ठीक इंद्रजीत की तरह ही केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी अपने बेटे के लिए तिगांव से टिकट मांग रहे हैं और उनके पुत्र देवेंद्र चौधरी भी लगभग एक दशक से राजनीति में सक्रीय हैं। वर्तमान में भाजपा जिला महामंत्री और वरिष्ठ उप महापौर हैं। गुर्जर ने अभी इंद्रजीत जैसे तेवर नहीं दिखाए हैं और उनका कहना है पार्टी जो फैसला करेगी मान्य होगा और उनके पुत्र देवेंद्र चौधरी अब भी लगातार पार्टी का प्रचार कर रहे हैं। अफवाह है कि देवेंद्र की टिकट के लिए गुर्जर भी स्तीफा दे सकते हैं लेकिन इसकी अभी पुष्टि नहीं हो सकी है।
हरियाणा अब तक अपने पाठकों को बता दे कि प्रदेश के अधिकतर लोग सीएम मनोहर लाल को पसंद नहीं कर रहे हैं। लोग भाजपा को चाहते हैं। मोदी को चाहते हैं लेकिन खट्टर को अच्छा नेता नहीं मानते। अगर इन दोनों केंद्रीय मंत्रियों को नाराज किया गया तो भाजपा के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी शायद ही विधानसभा चुनावों में मिले।
हमारे एक दिन पहले किये गए ऑनलाइन सर्वे में हरियाणा के 73 फीसदी लोग खट्टर से नाराज हैं जबकि भाजपा से सिर्फ 23 फीसदी लोग ही नाराज हैं। 49 00 लोगों ने वोट दिया था। स्क्रीन शॉट देखें और पीएम मोदी को दिखयाएँ
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