चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कांग्रेस हाईकमान से टकराने का फैसला अपने आप ही नहीं लिया। सूत्रों की मानें तो प्रदेश के कांग्रेसी विधायकों की राय के बाद उन्होंने ये फैसला लिया। हुड्डा समर्थक विधायक चाहते हैं कि हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस की कमान मिले और विधानसभा चुनावों में हुड्डा जिसे चाहें उसे टिकट दें और अगर हमाकामान इस बात पर राजी होता है तो हुड्डा कांग्रेस में बने रह सकते हैं वरना वही होगा जिसकी अफवाह है। हुड्डा कांग्रेस से अलग हो जाएंगे।
कांग्रेस हाईकमान की सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय अध्यक्ष न होने के कारण कांग्रेस हरियाणा पर ध्यान नहीं दे पा रहा है। इस कारण हरियाणा में कांग्रेस संगठन का विस्तार नहीं हो पा रहा है जबकि चुनाव अब नजदीक आ गए हैं। कांग्रेसी विधायकों का कहना है कि अशोक तंवर पांच साल में संगठन नहीं बना पाए जिस कारण कांग्रेस कमजोर होती चली गई और पार्टी को तकरीबन हर चुनाव में हार का मुँह देखना पड़ा। 18 अगस्त को महापरिवर्तन रैली है और उससे पहले कांग्रेस हरियाणा की कमान हुड्डा को नहीं सौंपता तो संभव है उसी दिन नई पार्टी का एलान कर दिया जाए। कांग्रेस हाईकमान भी हुड्डा की हर गतिविधि पर नजर रख रहा है और प्रयास किये जा रहे हैं कि किसी तरह से हुडडा को खुश किया जाए।
Post A Comment:
0 comments: