नई दिल्ली: ज्यादा बड़बोले लोग भी बहुत आगे नहीं बढ़ पाते और उनकी जुबान ही कमजोर होने का कारण बनती है। कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने लोकसभा चुनावों प्रचार के दौरान लालू यादव की भूमिका निभाई और बिहार विधानसभा चुनावों में जिस तरह लालू यादव ने मोदी का मजाक उड़ाया था उसी तरफ सिद्धू भी करने लगे और एक दो नहीं दर्जनों रैलियों में उन्होंने पीएम मोदी को चिढ़ाया लेकिन सिद्धू ने जहाँ जहाँ प्रचार किया अधिकतर जगहों पर कांग्रेस हार गई और उन दिनों हरियाणा अब तक ने अपने पाठकों को बताया था कि सिद्धू कांग्रेस का विकेट चटका रहे हैं क्यू कि अटल जी के निधन के तुरंत बाद सिद्धू पाकिस्तान गए और वहाँ उन्होंने पाक सेना चीफ को गले लगाया तभी से उन्हें देश के अधिकतर लोग लताड़ने लगे और यही नहीं सिद्धू फिर पाकिस्तान गए और कहा उन्हें भारत से ज्यादा पाकिस्तान के लोग प्यार करते हैं। उस दौरान सिद्धू सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखते थे तो 97 फीसदी कमेंट्स उनके खिलाफ होते थे जिसे देख हमें अंदाजा लग गया कि सिद्धू इस बार मणिशंकर अय्यर का रोल निभा रहे हैं और कांग्रेस का नुक्सान करवा सकते हैं। हमने कई बार लिखा कि सिद्धू कांग्रेस के लिए घातक होते जा रहे हैं। दोस्तों हम खंडहर देखकर अंदाजा लगा लेते हैं कि ईमारत कितनी बुलंद रही होगी और सोशल मीडिया पर नेताओं की परख हमें अच्छी तरह से है क्यू कि लगभग 14 साल से हर रोज हम 15 घंटे सोशल मीडिया पर रहते हैं।
पाकिस्तान के दौरे के बाद से ही सिद्धू खलनायक बनते गए और लोकसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस को काफी नुक्सान पहुँचाया और ये बात पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह भी कह चुके हैं कि कांग्रेस की हार सिद्धू जैसे नेताओं के कारण हुई। लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के उस समय के अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोंचा होगा जैसे मैं मोदी को चोर बोल रहा हूँ उसी तरह हमारे प्रिय सिद्धू भी मोदी को लपेट रहे हैं लेकिन राहुल और सिद्धू दोनों का दांव उलटा पड़ गया। कांग्रेस भी नहीं समझ सकी कि सिद्धू को देश खलनायक मानकर चल रहा है और लोकसभा चुनाव भाजपा देश के मुद्दे पर लड़ रही है। देशभक्त के मुद्दे पर अधिकतर देशवासी एक हो गए और कांग्रेस समझ ही नहीं सकी कि ऐसा भी हो सकता है।
हाल में सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के मंत्री पद से स्तीफा दिया और सीएम अमरेंद्र सिंह ने स्तीफा स्वीकार भी कर लिया। जानकारी मिल रही है कि सिद्धू ने आज सरकारी आवास भी खाली कर दिया है। सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है सिद्धू न घर के रहे न घाट के, जब भाजपा में थे तो कहते थे भाजपा मेरी माँ है, कांग्रेस में गए तो ऐसा कुछ ही कांग्रेस के बारे में कहने लगे और बहुत ज्यादा बोलने के चक्कर में राजनीती में बहुत नीचे गिर गए। जल्द अब ऊपर उठना मुश्किल है। किसी टीवी चैनल में अब फिर हंसने-हंसाने का काम शुरू कर दें तो ठीक है।
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