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बड़े पहाड़ निगल चुके खनन माफियाओं की नजर अब अरावली के छोटे पहाड़ों पर: पाराशर

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फरीदाबाद: अरावली के कई बड़े पहाड़ निगल चुके खनन माफियाओं की नजर अब छोटे-छोटे पहाड़ों पर है। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एलएन पाराशर का जिन्होंने कहा कि अरावली पर लगातार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियाँ उड़ाई जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद-सूरजकुंड रोड और फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड पर कई छोटी-छोटी पहाड़ियां हैं जिन्हे खनन माफिया उजाड़ रहे हैं और छोटे पहाड़ों को विस्फोट के माध्यम से तोड़कर वहां के पत्थर चुरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोमवार को मैंने फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड के पास छोटे पहाड़ों को उजड़ते देखा जहाँ से खनन माफिया पत्थर निकाल रहे थे। 

पाराशर ने कहा कि 2019 में थाना सूरजकुंड में कई एफआईआर दर्ज हुई हैं जिनमे एफआईआर नंबर 209, 295, 297, 299, 316 इस बात का सबूत है कि अरावली पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी एफआईआर थाना सूरजकुंड में दर्ज हैं और खनन माफियाओं के ऊपर दर्ज हुई हैं तब भी खनन माफिया इसलिए नहीं सुधर रहे हैं क्यू कि पहाड़ उजाड़ हर रोज वो लाखों कमा रहे हैं। पाराशर ने कहा कि खनन माफियाओं पर हल्की धाराएं लगाईं जाती हैं और खनन से जुडी उनकी मशीने नहीं जब्त की जाती हैं जिस कारण उनके हौसले बुलंद हैं। 

पाराशर ने कहा कि बिना सम्बंधित अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जब मैं खनन विभाग के अधिकारियों को आइना दिखाता हूँ और अवैध खनन की शिकायत हरियाणा सरकार से करता हूँ तब अधिकारी खानापूर्ति करते हैं और हल्की धाराओं में मामले दर्ज कर अपना बचाव कर लेते हैं। 
पाराशर ने कहा कि अरावली पर खनन माफिया बहुत मोटा गेम खेल रहे हैं और हर महीने करोड़ों रूपये का पत्थर चोरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अरावली उजड़ने के कारण अब मानसून भी फरीदाबाद से मुँह मोड़ रहा है और सामान्य से बहुत कम बारिश होती है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही पहाड़ उजड़ते रहे तो फरीदाबाद की जनता गर्मी और प्रदूषण से बेमौत मरने लगेगी। 
 
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