चंडीगढ़: जब भी कहीं कोई वारदात होती है और किसी भी वारदात के मृतक के परिजन पीड़ित कहलाते हैं। वो किसी भी धर्म के हों, जब किसी का बेटा या भाई या पिता किसी वारदात का शिकार होता है तो उनके परिजनों के आंसुओं का रंग एक ही होता है। ये नेता लोग आंसुओं के रंग को बदल देते हैं। मृतक का धर्म जाति देखते हैं। कोई आग लगाता है तो कोई आग बुझाता है। गिरगिटों की तरह कई रंग बदलते है कुछ कलयुगी नेता ? शायद यही कारण है कि पलवल गोपाल मर्डर केस में अब नेताओं पर सवाल उठने लगे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट और तस्वीरें वाइरल हो रहीं हैं जिनमे सवाल किया जा रहा है कि
किसान गजट,पलवल: गोपाल सौरौत हत्याकांड में ग्रामीणों के कुछ सवाल हैं ,
सौंध गाँव के लोग कहते हैं कि
जिस तरह सामान्य लड़ाई में मारे गए जुनैद के घर विपुल गोयल ,खट्टर साहब ,कृष्णपाल गुर्जर, नयनपाल रावत , रामबिलास शर्मा समेत प्रदेश और देश के बहुत से भाजपा नेता पहुँचे और
उस परिवार को लाखों रुपयों दिए थे और उस परिवार के एक सदस्य को रेलवे में नौकरी की भी घोषणा की ।
उसी तरह क्या अब गौ रक्षा में शहीद गोपाल सौरौत को न्याय दिलाएंगे ?
क्या उस गरीब के घर जाएंगे ?
क्या परिवार को सरकारी नोकरी दिलवाएंगे ?
क्या आर्थिक मदद होगी ?
सवाल बहुत हैं
जवाब कौन देगा ?
गाय के नाम सरकार बनाने वालों गौ रक्षक को न्याय दिलाओ !
ये पोस्ट सोशल मीडिया पर वाइरल हो रही है।
आपको बता दें कि सोमवार देर शाम गौरक्षक गोपाल को गौतस्करों ने गोलियों से भूनकर मार डाला था। गोपाल तीन बेटियों का पिता था। अब उसकी बेटियों के आंसू कौन पोंछेगा।
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