24 जून 2019 : स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि हरियाणा विधानसभा सभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा की केवल एक ही रणनीति है कि प्रदेश को जाट-गैरजाट में बाटकर जातिय धु्रवीकरण की राजनीति से चुनाव जीता जाये। विद्रोही ने कहा कि इसी जातिय धु्रवीकरण की राजनीति के बल पर भाजपा हरियाणा में लोकसभा की सभी दस सीटे जीत चुकी है और अब विधानसभा चुनाव में भी यही रणनीति अपनायेगी। भाजपा चाहे जितने भी राजनीति में दमगज्जे मारेे, दावे करे, उसके पास प्रदेश को जाट-गैरजाट में बाटकर लोगों को जातिय आधार पर भावनात्मक शोषण करके सत्ता पाने की इस रणनीति के सिवाय कोई रणनीति नही है। विद्रोही ने कहा कि चौटाला परिवार में बटवारा होने के बाद इनेलो व जजपा भाजपा का मुकबला करना तो बहुत दूर, अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने की जद्दोजहद विधानसभा चुनाव में करेंगे। अक्टूबर 2019 विधानसभा चुनाव में इनेलो, जजपा, बसपा की स्थिति भाजपा या कांग्रेस को हराने या जिताने तक ही सीमित रहेगी। मुख्य मुकबाला भाजपा व कांग्रेस में ही होगा। पर लाख टके का सवाल यह है कि हरियाणा में जो कांग्रेस गुटों में बटी हुई है, ऐसी कांग्रेस क्या भाजपा को कोई कारगर चुनौति दे पायेगी।
विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति यह कि न सूत न कपास, फिर भी करधे पर पहले कपड़ा बुनने की लिए लठ्म-लठ्ठा। लोकसभा चुनाव परिणाम के एक माह बाद भी कांग्रेस सोई पड़ी है और यथास्थिति पर चलकर आत्महत्या की ओर बढ़ रही है। कांग्रेस वर्तमान में जीने की बजाय अपने पुरातन उस स्वर्णिम काल में जी रही है, जब कांग्रेस के अलावा कोई प्रभावी दल नही होता था। उस दौर में कांग्रेस का यथास्थितिवाद में रहते कोई फैसला न करना भी एक फैसला होता था। विद्रोही ने कहा उस दौर से आज तक गंगा-जमना में बहुत पानी बह चुका है और आज के जैट युग में बैलगाड़ी युग के यथास्थितवादी फैसले नही चलने वाले। हरियाणा में विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस नेतृत्व संगठन के सम्बन्ध में कोई फैसला न करके दिन-प्रतिदिन भाजपा को ही मजबूत कर रहा है। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस की अकमर्णयता के कारण कांग्रेसी हवाई किले बनाती रहे और सत्ता वापसी के मुंगेरीलाल के हसीन सपने लेती रही, पर ऐसी स्थिति में यदि भाजपा विधानसभा चुनाव में 65 सीटे तक निकाल ले तो कोई आश्चर्य नही होना चाहिए।
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