फरीदाबाद: लोकसभा चुनावों के परिणाम 23 मई को आये थे और 23 है। 23 मई का दिन हरियाणा कांग्रेस जल्द नहीं भूल पाएगी क्यू कि इस तारीख को सभी 10 सीटें भाजपा के खाते में चली गईं थीं। हरियाणा कांग्रेस जैसे एक महीने पहले थी वैसे ही आज भी है। हार से कोई सबक नहीं सीखा। प्रदेश के बड़े नेताओं की गुटबाजी की चक्की में जहां कार्यकर्ता पिस रहे हैं वहीं प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे सैकड़ों कांग्रेसी नेता भी दुखी हैं। लगभग तीन महीने बाद चुनाव हैं। ऐसे में संभावित उम्मीदवारों के पास तैयारी करने के लिए ज्यादा वक्त नहीं है जिस कारण कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार परेशान हैं।
ख़ास सूत्रों की मानें तो फरीदाबाद के कई कांग्रेसी नेताओं की नजर अब भाजपा की टिकट पर टिकी है। कोई कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने का प्रयास कर रहा है तो कोई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पुराना नाता निकाल रहा है। फरीदाबाद जिले में 6 विधानसभा सीटें हैं और चार विधानसभा सीटों पर अन्य पार्टियों के नेताओं की नजर भाजपा की टिकट पर टिकी है। सूत्रों की मानें तो पृथला, एनआईटी 86, बल्लबगढ़ और बड़खल की सीटों पर अन्य पार्टियों के नेताओं की नजर है और वो भाजपा की टिकट लाने के जुआड़ में हैं।
कांग्रेस के नेता मजबूर हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में जमकर पसीना बहाया लेकिन पार्टी हाईकमान और हरियाणा के बड़े नेताओं के कारण उन्हें कुछ अलग सोंचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कांग्रेस न सुधरी तो पूरे हरियाणा का यही हाल होगा और विधानसभा चुनावों से काफी पहले कांग्रेस में भगदड़ मच सकती है। कई विधायक एवं पूर्व विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
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