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बैंकों में नहीं पहुँच रहा है कैश, बेहाल होकर खाली हाँथ लौट रहे हैं लोग

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Faridabad Bank News
Faridabad 21 November 2016: दो दिन के अवकाश के बाद नोटबदली और निकासी की उम्मीद लगाये बैठे लोगों को उस वक्त निराशा हुई जब वो सुबह जल्दी से बैंक पहुंचे जहां बैंक खुलने का इंतजार किया मगर उन्हें इंतजार के बदले में बैंक के बाहर नोटिस मिला जिसपर लिखा था कि आज बैंक में कैश न होने के चलते आपको पैसा नहीं मिल पायेगा, आपको हुई असुविधा के लिये हमें खेद है। इस नोटिस को पढने के बाद भी लोग कई जगह बेंकों के सामने इस इंतजार में बैठे रहे शायद शाम तक कुछ पैसा आ जाये तो घर के खर्चे तो पूरे हो जायें। फरीदाबाद में कई जगहों पर अन्य अन्य बैंकों में नगदी न मिलने से लोग परेशानी नजर आये।

नोटबंदी का असर अब लोगों पर पडने लगा है, किसी के घर में खाने के लिये आटा नहीं है तो किसी के पास दवाई लेने के लिये पैसे नहीं है तो वहीं दूरदराज अन्य प्रदशों से फरीदाबाद के अस्पतालों में आ रहे बिमार लोगों के पास ईलाज के लिये पैसा नहीं है, ऐसा ही कुछ अब फरीदाबाद में देखने को मिल रहा है, आज दो दिन के अवकाश के बाद लोग एक उम्मीद और आशा लेकर उठे कि आज तो उनका नोटबदली और निकासी का कार्य हो ही जायेगा, इसी उम्मीद को लेकर बैंकों के खुलने से पहले बैंकों पर पहुंचे और बैंक खुलने का इंतजार किया, बैंक कर्मी बैंक आये तो उन्हें देखकर लोगों के चेहरे पर एक खुशी सी झलकी मगर वो खुशी कुछ ही देर की थी जैसे ही एक बैंक कर्मी ने आकर बैंक के बाहर नोटिस लगाया कि आज बैंक में कैश न होने के चलते आपको पैसा नहीं मिल पायेगा, आपको हुई असुविधा के लिये हमें खेद है। बस फिर क्या था उम्मीदें के सहारे कुछ लोग तो वहीं बैंठ गये और कुछ फिर से कल के इंतजार में घर चले गये। ऐसा मंजर फरीदाबाद में कई स्थानों पर अलग अलग बैंकों में नजर आया, जहां बैक तो खुले हुए थे मगर लोगों को देने के लिये उनके पास नगदी नहीं थी। 

इस बारे में जब लोगों से बाद की गई तो उन्होंने बताया कि वो सिंडिकेट बैंक पर पिछले चार दिनों से आ रहे हैं मगर कैश न होने के चलते मायूस होकर वापिस जाना पड रहा है। किसी के घर में खाने के लिये आटा नहीं हैं तो किसी के पास दवाईयों के लिये पैसे नहीं हैं। इतना ही नहीं एक व्यक्ति तो मथुरा से अपने बीमार परिजन को लेकर फरीदाबाद अस्पताल में पहुंचा जहां अस्पताल वालों ने उससे 500 और 1000 के नोट लेने से ही मना कर दिया, जो शहर की बैंकों पर अपने पैसे बदलवाने के लिये एक बैंक से दूसरी बंैक में ठोकरें खाता हुआ दिखा। 

जब इस बारे में सिंडिकेट बैंक के मैनेजर अशोक कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले दो तीन से कैश नहीं आ रहा है वो बार बार डिमांड कर रहे हैं मगर कई हल नहीं निकल पा रहा है।

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