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राज्य में आम नागरिक, विशेषकर महिलाएं और व्यापारी, स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे – दीपेन्द्र हुड्डा

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भिवानी, 16 अगस्त। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री अपराधियों को मिट्टी में मिलाने की बात कह रहे हैं जबकि हकीकत ये है कि अपराधियों ने कानून-व्यवस्था को मिट्टी में मिला दिया। अपराधियों के सामने सरकार मजबूर दिखाई देती है। हरियाणा को मजबूर सरकार की नहीं, मजबूत सरकार की जरूरत है। सरकार की कार्यप्रणाली से ऐसा लगता है जैसे उसने अपराधियों के सामने समर्पण कर दिया है। भिवानी में महिला शिक्षिका की नृशंस हत्या प्रदेश में जंगलराज का जीता जागता प्रमाण है। 

पुलिस थानों में पीड़ित को मदद मिलने की बजाय दुत्कार कर भगाने की खबरें आम हैं।  हरियाणा में अपराधी बेखौफ और सरकार बेबस है और सरकार का इकबाल पूरी तरह खत्म हो चुका है। हरियाणा अपराधियों की शरणस्थली बन चुका है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि अपराध रोक पाने में सरकार लाचार है या उसका अपराधियों को खुला संरक्षण मिल रहा है। 

क्योंकि, अपराधियों के हौसले इस कदर बढ़े हुए हैं कि वो एक के बाद एक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने महिला शिक्षिका को श्रद्धांजलि देते हुए पीड़ित परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ कर कठोर सजा दिलाने की मांग की।

उन्होंने बताया कि हरियाणा विधानसभा के पिछले सत्र में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा रखे गये अपराध से संबंधित नवीनतम आंकड़ों ने राज्य में अपराध की भयावह स्थिति को उजागर कर दी। आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रदेश में आमजन की सुरक्षा खतरे में है। मुख्यमंत्री ने खुद बताया कि वर्ष 2024 के दौरान हरियाणा में औसतन हर दिन 3 हत्याएं, 3 बलात्कार और सामूहिक बलात्कार, 9 से अधिक अपहरण, 1 डकैती, और करीब महिलाओं के विरुद्ध 19 अपराध दर्ज किए गए। 

वर्ष 2024 में विभिन्न संगीन अपराधों के दर्ज कुल मामलों की संख्या भी चिंता बढ़ाने वाली है। इनमें 966 हत्याएं, 1,388 बलात्कार, 113 सामूहिक बलात्कार, 4,621 अपहरण, 489 डकैती/लूटपाट, 9,488 महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराध दर्ज हुए हैं। पुलिस थानों में दर्ज अपराधों की संख्या खुद इस बात का प्रमाण है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति भयावह हो चुकी है। खुद सरकार के आंकड़े यह साबित करते हैं कि राज्य में आम नागरिक, विशेषकर महिलाएं और व्यापारी, स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। 

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि भारत सरकार की सामाजिक प्रगति सूचकांक (SPI) रिपोर्ट में हरियाणा को देश का सबसे असुरक्षित राज्य बताया गया। सरकार का अपराध नियंत्रण तंत्र पूरी तरह विफल हो चुका है। वर्ष 2019 से 2024 तक कुल 1,19,011 प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई हैं। इनमें से 6,338 हत्या और 22,994 अपहरण से जुड़े मामले हैं। उन्होंने ये भी कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे मामले भी हैं जो थानों में दर्ज ही नहीं होते, ऐसे में अगर अपराध की पूरी तस्वीर देखी जाए तो हालात बेहद भयावह हैं। 

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बीते महीने ही रोहतक में एक महिला की बर्बरता पूर्ण तरीके से हत्या की दिल दहला देने वाली वारदात हुई। अपराधियों ने महिला के शव को काटकर केमिकल से बॉडी पार्ट जलाकर उसके टुकड़े फेंक दिए। वहीं, रोहतक के एक होटल कारोबारी से विदेशों में बैठे बदमाशों ने 5 करोड़ की रंगदारी मांगी और पूरे परिवार को मारने की धमकी दी है। 

कैथल के गाँव बड़सीकरी कलां में एक युवक की हत्या का मामला सामने आया। रतिया में एक युवक को गोली मार दी गई। पानीपत में छह साल की मासूम के साथ दुष्कर्ष की घटना दर्ज हुई। प्रसिद्ध हरियाणवी गायक मीता बरोदा पर अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें वो बाल-बाल बचे। 

प्रदेशवासी भय और आतंक के साए में जीने को मजबूर है, हर दिन किसी कारोबारी, व्यापारी, दुकानदार से फिरौती मांगने की घटनाएं सामने आ रही हैं लेकिन सत्ता में बैठी बीजेपी सरकार कानून-व्यवस्था सुधारने के लिए कुछ नहीं कर पा रही है।

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