इस अवसर पर किसानों को एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन (IPM) की विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बीजोपचार, फसलों में कीट एवं रोगों की पहचान एवं प्रबंधन, जैविक नियंत्रण, फेरोमोन ट्रैप के उपयोग आदि विषयों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया। किसानों को खेत में ले जाकर कीटों व रोगों की पहचान और ट्रैप के प्रयोग की प्रायोगिक जानकारी भी उपलब्ध कराई गई।
किसानों को भारत सरकार द्वारा विकसित मोबाइल एप “राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (NPSS Mobile App)” के उपयोग की जानकारी दी गई, जिसके माध्यम से वे अपने खेत पर ही कीट एवं बीमारियों की पहचान कर तत्काल निदान प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान किसानों को बीजोपचार हेतु ट्राइकोडर्मा वीरदी फफूंदनाशक का वितरण भी किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में क्षेत्रीय हेड एवं उपनिदेशक डॉ. वंदना पांडेय, उपनिदेशक (की.वी.) डॉ. वी. डी. निगम, वनस्पति संरक्षक अधिकारी डॉ. जमुना नेगी, डॉ. लक्ष्मीचंद, सहायक वनस्पति संरक्षक अधिकारी डॉ. रामजीत मौर्य, तकनीकी सहायक आस्था हुड्डा, राज्य कृषि विभाग से डॉ. आनंद कुमार, ब्लॉक कृषि अधिकारी भूपानी सहित कुल 52 किसानों ने सहभागिता की।
Post A Comment:
0 comments: