मॉक ड्रिल अभ्यास के दौरान बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का अभ्यास किया गया। मॉक ड्रिल अभ्यास में जिला के विभिन्न विभागों ने भी सहयोग किया। मॉक ड्रिल अभ्यास में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन एवं उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ इंसिडेंट कमांडर की भूमिका में मौके पर मौजूद रहे, जो स्वयं पूरी बचाव प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करते हुए पल-पल की खबर ले रहे थे।
एनडीआरएफ और सीआरडीएफ की ओर से मॉक ड्रिल अभ्यास के माध्यम से ग्रामीणों को बाढ़ की स्थिति पैदा होने पर सुरक्षित बाहर निकलने के तरीके बताए गए। मॉक ड्रिल अभ्यास में जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी, सरपंच गण और आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीण भी शामिल हुए।
मॉक ड्रिल के प्रदर्शन के दौरान नाव, मोटर बोट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय तथा फस्र्ट एड की व्यवस्था की गई थी। मॉक ड्रिल प्रदर्शन के लिए डेम के पास ही बाढ़ आपदा प्रशिक्षण शिविर भी लगाया गया था। जहां सैद्धांतिक प्रशिक्षण एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि सभी को आपदा से बचाव के तरीकों का ज्ञान होना चाहिए, जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा एनडीआरएफ और सीआरडीएफ के सहयोग से नागरिकों को आपदा से बचाव के तरीकों में जानकारी देते हुए जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिले में बाढ़ से प्रभावित होने की संभावना वाले गांवों की सूची बनाकर बाढ़ से बचाव के लिए योजना तैयार करते हुए आगामी कार्यवाही करें ताकि जरूरत पडऩे पर बाढ़ आपदा से प्रभावित नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने, आवश्यक दवाइयां सहित अन्य व्यवस्थाएं समय पर सुनिश्चित की जा सकें।
आपदा से निपटने के लिए मानसिक रूप से रहना चाहिए तैयार : उपायुक्त
उपायुक्त ने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए हमें हमेशा मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए और आपदा से बचाव के लिए सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए। ग्रामीणों को बताया गया कि बाढ़ आने पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि संयम बरतते हुए उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग करते हुए इससे निपटने का प्रयास करें।
बाढ़ जैसी स्थिति में सबसे पहले सरपंच, ग्राम सचिव, पटवारी आदि को जानकारी दें ताकि बचाव के लिए जल्द से जल्द आगामी कार्यवाही शुरू की जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ आने पर ग्राम वासियों को ऊंचे और सुरक्षित स्थान पर जाना चाहिए।
कई बार ग्रामीण बाढ़ आने पर भी अपने गांव से नहीं जाना चाहते, लेकिन जीवन की सुरक्षा के लिए बाढ़ ग्रस्त स्थान से सुरक्षित स्थान पर जाना अत्यंत जरूरी है। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त जयदीप कुमार, एसडीएम पलवल ज्योति, ग्राम सरपंच सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व ग्रामीण मौजूद रहे।
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