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महिला सशक्तिकरण से ही संभव है भारत का विकास : रेणू भाटिया

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फरीदाबाद, 24 जनवरी। डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में महिला प्रकोष्ठ के सहयोग से अर्थशास्त्र व  बी.वोक रिटेल मैनेजमेंट विभाग द्वारा महिला केंद्रित नुक्कड़ नाटक, कविता, भाषण, पोस्टर मेकिंग और स्लोगन राइटिंग जैसी प्रतियोगिताएं कराई गईं। फरीदाबाद के 12 महाविद्यालयों की छात्राओं ने इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया। 

हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा व कार्यक्रम मुख्य अतिथि रेणु भाटिया ने परिवार में महिलाओं की भूमिका को सशक्त करने पर जोर दिया। उन्होंने बड़े ही हैरान कर देने वाले आंकड़ों, वास्तविक जीवन के मामलों तथा भारतीय संविधान के कानूनों के माध्यम से समाज की सच्ची तस्वीर दिखाई। 

उन्होंने अपने भाषण में युवाओ से अपील करी कि वह अपनी महिला मित्र की भावनाओं का गलत इस्तमाल न करें। उन्होंने कहा कि आज कल के बच्चे दोस्ती का गलत फायदा उठाते है, वह पहले नशीले द्रव पीते है फिर एक कमरे में अपने आप को बंद करके फिर अपने आप को दोस्त बताते है यह सब गलत है। 

आज के युवाओं को एक दूसरे का सम्मान करना सीखना चाहिए और समाज में एक अच्छी मिसाल पेश करनी चाहिए। अपने वक्तव्य में आगे उन्होंने कहा कि नारियों को अबला कहना गलत है आज के समय मे नारी अबला नहीं है उन्होंने महिलाओं से अपील भी करी की अपने लिए इस शब्द का प्रयोग ना करे।

मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल की विज्ञान विभागाध्यक्ष सुकन्या धवन ने महिला सशक्तिकरण के वास्तविक अर्थ को समझाने का प्रयास किया। विशिष्ट अतिथि सरस्वती महिला महाविद्यालय की प्रिंसिपल डॉ. वंदना त्यागी ने राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने पर आयोजक टीम को बधाई दी। 

कार्यवाहक प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया ने बताया कि एक महिला का जीवन उसके कोख में आने के साथ ही मुश्किलों से भर जाता है। एक सशक्त महिला को अवरोधों से घबराने की बजाय उनका आत्मविश्वास से सामना करना चाहिए। एक नारी होने पर गर्व करना और सकारात्मक जीवन जीना ही उसका ध्येय होना चाहिए।  

विभिन्न कॉलेजों से आये प्रतिभागियों ने अपने संवेदनशील विचार व कला से कन्या सुरक्षा के महत्व को पूर्ण रूप से उजागर किया। प्रियंका सुखीजा, डॉ. अनामिका भार्गव, आशिमा कौल और गुंजन आहूजा सहित तीन प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों के पैनल ने प्रदर्शनों का मूल्यांकन किया। नारा लेखन के लिए प्रथम पुरस्कार के.एल. मेहता दयानंद कॉलेज की शिवानी व सरस्वती महाविद्यालय की रिया दैया द्वितीय पुरस्कार दिया गया। 

पोस्टर मेकिंग के लिए के.एल. मेहता दयानंद कॉलेज की स्नेहा को प्रथम, द्वितीय पुरस्कार बालाजी कॉलेज की ज्योति शर्मा को दिया गया। कविता के लिए प्रथम पुरस्कार के.एल. मेहता दयानंद कॉलेज की सौम्या सोनी व द्वितीय पुरस्कार सरस्वती महाविद्यालय की सिद्धि को दिया गया। भाषण के लिए प्रथम पुरस्कार सरस्वती महाविद्यालय की कोमल व द्वितीय पुरस्कार नेहरू कॉलेज के अनुराग मिश्रा को दिया गया। 

नुक्कड़ नाटक के लिए मानव रचना की टीम पैगाम ने प्रथम पुरस्कार तथा डीएवीसीसी की टीम मनप्रीत ने द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया। प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. रुचि मल्होत्रा, डॉ. सुमन तनेजा, सुश्री रजनी और आयोजन टीम के सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सराहनीय प्रयास किया।


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