ने बताया कि मोटर व्हीकल, चेक बाउंस , बैंक रिकवरी, बिजली संबंधित, पानी से संबंधित, टेलीफोन से संबंधित, वैवाहिक संबंधित, दीवानी केस, क्रिमिनल अपील, ट्रैफिक चालान, एमवी एक्ट केसेस आदि सभी प्रकार के केसों को इस लोक अदालत में रखा जाएगा। राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से लोग अपने लंबित पड़े मामलों को आपसी सहमति से आसानी से निपटा सकते हैं।
लोक अदालत में उन्हीं मामलों को रखा जाता है, जिनका दोनों पक्षों की सहमति से n,समाधान किया जा सके। वहीं राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील दायर नहीं की जा सकती। राष्ट्रीय लोक अदालतों में रखें जाने वाले केसों में दोनों पक्षों की जीत होती है और धन तथा समय की बचत होती है। वहीं सामाजिक सरोकारों में आपसी भेदभाव भुलाकर भाईचारे की भावना बढ़ती है। जिसका अन्य लोग भी अनुसरण करते हैं।
सीजेएम रितु यादव ने विभिन्न अदालतों में विचाराधीन केसों से संबंधित लोगों से आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से अपने केसों का निपटारा करवाकर राष्ट्रीय लोक अदालत का फायदा उठाएं।
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