वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपरांत उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहाकि नकली व अवैध दवाइयों की बिक्री रोकने के लिए सख्ती से मॉनिटरिंग की जाए तथा विशेषकर ड्रग की हर मूवमेंट को ट्रैक किया जाए। सभी मेडिकल स्टोर के अन्दर व बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे है या नहीं चैकिंग करके सुनिश्चित करें। सीसीटीवी कैमरे नहीं लगवाने वाले मेडिकल स्टोर संचालको पर कार्यवाही करें। जिला में नशा करने वालों और नशीले पदार्थ बेचने वालों की गम्भीरता से निगरानी करना सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे सभी नशा पुनर्वास केंद्रों की जांच करें।
उपायुक्त ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के बारे में जागरुकता फैलाने और जनता को संवेदनशील बनाने में शिक्षा विभाग और ड्रग कंट्रोल सेल की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। प्रशासनिक अधिकारी व्यक्तिगत स्तर पर पूरी मुस्तैदी, जिम्मेवारी एवं दायित्व के साथ अपने कर्तव्य को निभाएं। विशेषकर राज्य की सीमाओं पर नाकाबंदी में किसी प्रकार की लापरवाही एवं कोताही नहीं होनी चाहिए।
प्रत्येक मेडिकल स्टोर संचालक को साथी एप मोबाइल या कंप्यूटर पर डाउनलोड कराएं ताकि मेडिकल स्टोर संचालक ने किन-किन दवा का कितनी मात्रा में ऑर्डर दिया, कितना प्राप्त हुआ है और किस ग्राहक को बेचा। इसकी पूरी जानकारी ऐप पर अपलोड करनी होगी, ताकि दवा की आड़ में नशे के कारोबार पर अंकुश लग सके। प्रदेश सरकार नशा रोकने के लिए कृत संकल्प है।
बैठक में एडीसी डॉ आनंद शर्मा, डीसीपी सेंट्रल जसलीन कौर, रेड क्रॉस सचिव बिजेंद्र सौरोत, डीडब्ल्यूओ ममता शर्मा सहित शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
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