इस मौके पर उपस्थित विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए गुजरात के राज्यपाल देवव्रत आर्य ने कहा कि राजा नाहर सिंह जैसे महान बलिदानी की जीवन गाथा जन-जन तक पहुंचनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी को यह पता हो कि देश के इन महान सपूतों ने किस प्रकार से अपनी कुर्बानी देकर देश को आजादी दिलाई है उन्होंने राजा नाहर सिंह के इतिहास के विषय में विस्तार से बोलते हुए कहा कि छोटी सी उम्र में राजगद्दी संभालने वाले राजा नाहर सिंह ने जिस प्रकार से दिल्ली पर अंग्रेजों के कब्जे को लंबे समय तक रोक रखा, उसी का परिणाम है कि अंग्रेजों ने उनको दिल्ली के टाउन हॉल चांदनी चौक पर सार्वजनिक फांसी पर लटका दिया।
राज्यपाल श्री आर्य ने कहा कि राजा नाहर सिंह चाहते तो उसे समय भी अंग्रेजों से समझौता कर अपना जीवन बचा सकते थे लेकिन उन्होंने झुकाने की बजाय कटना ज्यादा उचित समझा और यह बात आज हमारे समाज को समझ नहीं होगी। उन्होंने कहा कि केवल राजा नाहर सिंह ही नहीं बल्कि चौधरी महेंद्र प्रताप, राजा सूरजमल सदी के अनेक को ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी हुए हैं जिनकी बदौलत हम आज आजादी की सांस ले रहे हैं।
इस मौके पर मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने राजा नाहर सिंह के बलिदान को याद करते हुए कहा की जाट समुदाय हमेशा देश की रक्षा के लिए आगे रहा है फिर चाहे वह पुलिस हो या अन्य पैरामिलिट्री फोर्सेस हो जाट समुदाय सबसे अग्रणी भूमिका में रहा है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के बाद सौंदर्य करण में भी जाटों का कोई सानी नहीं है। इस बात का अंदाज आप अपने अभिनेता धर्मेन्द्र को देखकर लगा सकते हैं।
इस मौके पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राजा नाहर सिंह का बलिदान पूरा देश याद करता है। उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्रता सेनानी परिवार से संबंध रखते हैं और उनको पता है कि देश की रक्षा के लिए स्वतंत्रता सेनानियों को किस-किस प्रकार के बलिदान देने पड़े। उन्होंने कहा कि राजा नाहर सिंह जैसे महान सपूतों की जीवन गाथा हम सभी को एक-दूसरे को बतानी चाहिए।
इस मौके पर हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी करण सिंह दलाल ने मांग की है कि राजा नाहर सिंह को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाना चाहिए। इस मौके पर हरियाणा के परिवहन मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा ने कहा कि जिस राजा नाहर सिंह की किसी ने डेढ़ सौ साल से सुध नहीं ली। आज मनोहर लाल की सरकार में राजा नाहर सिंह की नगरी बल्लभगढ़ में उन्होंने दो-दो मूर्तियां स्थापित कराई हैं और इन दोनों मूर्तियों को स्थापित करने के लिए उन्होंने अपने निजी को से 11-11 लख रुपए की आर्थिक सहायता भी दी है।
इससे पूर्व आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए राजा नाहर सिंह स्मारक के निर्माता समाजसेवी एवं किसान नेता चौधरी सत्यवीर डागर ने कहा कि जिस प्रकार से आज पूरे देश के महान नेता राजा नाहर सिंह स्मारक के लोकार्पण पर यहां पहुंचे हैं। वह इस बात का प्रमाण है कि पूरा देश राजा नाहर सिंह के बलिदान के महत्व को समझता है। उन्होंने आह्वान किया कि अब जरूरत इस बात की है कि फरीदाबाद की जनता यह समझे कि राजा नाहर सिंह वह हस्ती है जो पूरे देश के लिए एक मिसाल है और अब फरीदाबाद की जनता को राजा नाहर सिंह के महत्व को समझते हुए देश को यह दिखाना होगा कि वह आज भी राजा नाहर सिंह का सम्मान करते हैं।
उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि एकजुट होकर मजबूती से आगे बढ़े, यही राजा नाहर सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस मौके पर समारोह अध्यक्ष राजस्थान राजघराने की राजकुमारी कृष्णेंद्र दीपा ने राजा नाहर सिंह के स्मारक के लिए चौधरी सत्यवीर डागर को बधाई देते हुए कहा कि अन्य सभी कार्यों के साथ-साथ इस प्रकार के निर्माण देश में नया इतिहास रचने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि चौधरी सत्यवीर डागर ने राजा नाहर सिंह का यह लगभग 40 फीट ऊंचा स्मारक तैयार किया है जो अपने आप में एक मिसाल है उनके अनुसार 20 फीट ऊंचे पूरी तरह से लोहे एवं कंक्रीट से बने इस प्लेटफार्म पर साढे 17 फीट ऊंची राजा नाहर सिंह की अष्टधातु की प्रतिमा राजा नाहर सिंह के दृढ़ निश्चय का परिचायक है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान, पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल, योगानन्द शास्त्री, विधायक सोमबीर सांगवान, हथीन के विधायक प्रवीण डागर, विधायक राजेश नागर, विधायक नरेन्द्र गुप्ता, विधायक नीरज शर्मा, पूर्व विधायक जगत सिंह मेरठ, पूर्व विधायक रघुबीर तेवतिया, शारदा राठौर, विपुल गोयल, रविन्द्र चौहान, मुकेश रावत, नरबीर सिंह तेवतिया, समुदर भाखल, रामप्रसाद रावत, ज्ञानसिंह चौहान, हरीशचंद्र शास्त्री, लक्ष्य डागर, प्रदीप डागर, अरुण जैलदार, जिलाध्यक्ष भाजपा गोपाल शर्मा, पं. टिपरचंद शर्मा, संजय डागर, नरबीर, जगन डागर, सुरेंद्र तेवतिया, लखन बेनीवाल, जिला परिषद के अध्यक्ष विजय लोहिया एवं वाइस चेयरमैन धर्म चौधरी, दीपक यादव, ओम प्रकाश यादव, सुशील शास्त्री सहित 52 पाल की सरदारी मौजूद रही।
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