राज्य आयुक्त ने इस अवसर पर जिला के दिव्यांगों की एक-एक करके शिकायतों को सुना और उनका निवारण करने का पूर्ण आश्वासन दिया। उन्होंने सभी दिव्यांगों को संबोधित करते हुए कहा कि वे स्वयं जागरूक होवें और दूसरों को भी जागरूक करने का काम करें। एक-दूसरे दिव्यांग की खुशी में शामिल हों और उनका पूर्ण सम्मान भी करें। उन्होंने उप सिविल सर्जन डा. सुरेश को निर्देश दिए कि वे जिला के सभी दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड को उन्हें जल्द से जल्द मुहैया करवाने की दिशा में कार्य करें, ताकि दिव्यांगजन इसका लाभ उठा सकें।
राज्य आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने दिव्यांगजनों को संबोधित करते हुए कहा कि एचकेआरएनएल की ओर से जारी किए गए अपोइंटमेंट लेटर के आधार पर दिव्यांग नौकरी को ज्वाइन करें। इसके पश्चात दिव्यांगों को उनके ही जिला में स्थानांतरित करवा दिया जाएगा। इसके लिए सर्वप्रथम दिव्यांगजन को एचकेआरएनएल द्वारा प्रदान किए गए ऑफर लेटर के आधार पर संबंधित विभाग में अपनी ड्यूटी ज्वाइन करनी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार दिव्यांगजनों की सेवा के लिए कृतसंकल्प हैं और उनके विकास के हर संभव प्रयास में जुटी हुई है। दिव्यांगजनों को शत प्रतिशत रोजगार उपलब्ध हो इसके लिए सरकारी नौकरियों के साथ-साथ प्राइवेट क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है।
इसी का परिणाम स्वरूप राज्य के एक दिव्यांगजन को गुरुग्राम की एक प्राइवेट कंपनी में साढे सात लाख के पैकेज पर नौकरी मिली है। सरकार ने प्रदेश के हरेक पैट्रोल पंप पर 2 दिव्यांगजन को नौकरी देने का भी नियम बनाया है। इसमें से 10 पैट्रोल पंप जिला पलवल के हैं, जिन पर दिव्यांगजनों को नियुक्ति दी जाएगी। वर्तमान सरकार में सभी को बिना पर्ची व बिना खर्ची के नौकरी प्रदान की जा रहीं हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल शासन में दिव्यांगजनों के हक को दिलवाने तथा उन्हें सरकार की ओर से प्रदान किए जाने वाले सभी भत्ते प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत दिव्यांगता होने पर उस संबंधित दिव्यांग को उसकी भार्या सहित पैंशन देने का प्रावधान है और यदि उस संबंधित दिव्यांग की धर्मपत्नी नहीं होने की स्थिति में उसके बच्चों को पैंशन प्रदान करने का भी प्रावधान है। दिव्यांगता पैंशन का लाभ प्राप्त करने के लिए डिसेबल पर्सन को किसी कार्यालय के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं है। अपने नजदीकी सीएससी सेंटर व अटल सेवा केंद्र पर जाकर अपने यूडीआईडी से फैमिली आईडी को लिंक करवाएं, तत्पश्चात फैमिली आईडी में उस संबंधित दिव्यांगजन का दिव्यांगता का प्रतिशत दर्शाया जाएगा।
इसके बाद दिव्यांगजन सीएससी पर ही अपनी पैंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के पश्चात संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय की ओर से दिव्यांगजन से उनकी पैंशन शुरू करने के लिए पूछा जाएगा। इसके बाद एक महीने के अंदर-अंदर दिव्यांगजन को पैंशन का लाभ प्रदान कर दिया जाएगा। श्री मक्कड ने कहा कि केंद्र सरकार हरियाणा सरकार के सहयोग से प्रत्येक जिला में दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण प्रदान करने के लिए शिविर आयोजित करती है।
80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता रखने वाले डिसेबल पर्सन को ट्राई साइकिल व मोटराइज्ड ट्राई साइकिल भी दी जाती हैं। सरकार ने एनजीओज को मुनाफे के 2 प्रतिशत धनराशि को दिव्यांगजनों के धर्मार्थ में लगाने के लिए अनिवार्य किया है। इसलिए उन्होंने एनजीओ से आगे बढ कर धर्मार्थ के इस कार्य में अपनी सहभागिता निभाने का आह्वान किया।
उन्होंने सभी दिव्यांगजनों को सरकार की योजनाओं के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि वे दिव्यांगों के हित में चलाई जा रही सभी योजनाओं को समझें, उनका पालन करें तथा उनका लाभ उठाएं। इसके अलावा सरकार अंतरराष्टï्रीय स्तर पर खेलों में गोल्ड मेडल प्राप्त करने पर 06 करोड़, सिल्वर मेडल पर 04 करोड़ तथा कांस्य पदक विजेता को 2 करोड 50 लाख रुपए दिए जाते हैं। इसके अलावा केवल अंतरराष्टï्रीय खेलों में अपनी सहभागिता करने वाले दिव्यांग खिलाडी को 50 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की जाती है। खेलों की तैयारी करने के लिए दिव्यांग खिलाडी को 5 लाख रुपए ट्रेनिंग के लिए दिए जाते हैं।
खिलाडी दिव्यांगों को इस धनराशि के साथ-साथ एक साल के अंदर-अंदर सरकारी नौकरी भी प्रदान की जाती है। उन्होंने खिलाडी दिव्यांगजनों से आह्वïान किया कि वे अपना आवेदन संबंधित जिला खेल अधिकारी को अपने पूरे दस्तावेज सहित देवें, ताकि उन्हें यह लाभ प्रदान किया जा सके।
इसके अतिरिक्त न्यायालय में केस दायर करने पर दिव्यांगजन को निशुल्क वकील की सुविधा दी जाती है। उन्होंने कहा कि धारा-143ए के तहत सरकारी नौकरी कर रहे दिव्यांगजन 2 साल की अतिरिक्त नौकरी कर सकेंगे। वर्तमान राज्य सरकार दिव्यांगजन को उनके अधिकार दिलवाने के लिए संकल्पबद्ध है। इसके लिए जरूरी है कि सभी दिव्यांगजन सर्वप्रथम अपनी फैमिली आईडी के साथ यूडीआईडी कार्ड का लिंक अवश्य करवा लें।
उन्होंने दिव्यांगजनों से अपील की है कि वे अपने यूडीआईडी कार्ड बनवाने के साथ-साथ अपने जानकारी में रहने वाले सभी दिव्यांगों को भी इस बारे में अवश्य जागरूक करें। आमजन भी इस जागरूकता का हिस्सा बनकर अपना कर्तव्य निभाएं। कार्यक्रम में पधारने पर मुख्य अतिथि को फूलमालाएं पहनाकर व पुष्पगुच्छ भेट कर उनका स्वागत अभिनंदन किया गया।
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