नई दिल्लीः हरियाणा के फरीदाबाद नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर राज्यव्यापी आंदोलन के तहत बीके चौक स्थित नगर निगम मुख्यालय पर निगम कर्मचारियों की पिछले 2 दिनों से चल रही क्रमिक भूख हड़ताल का आज नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने जूस पिलाकर भूख हड़ताल कर्मचारियों हड़ताल को समाप्त करवा दिया है। अब ये कर्मचारी 6 मार्च को शहरी स्थानीय निकाय मंत्री के हिसार स्थित आवास पर प्रदर्शन के लिए कुच करेंगे।
संघ के जिला सचिव नानक चंद की अध्यक्षता में आज भी नगर निगम के सैनिटेशन स्टाफ वाटर सप्लाई बेलदार मेशन माली इलेक्ट्रॉनिक्स क्लर्क फोर्थ क्लास ड्राइवर सफाई कर्मचारी एवं चेयरमैन विभाग के 51 कर्मचारी एवं कार्यकर्ता क्रमिक भूख हड़ताल पर रहे नगर निगम कर्मचारियों ने भोजन अवकाश के समय बीके चौक से नीलम चौक तक हाथों में काले झंडे लेकर सरकार द्वारा आंगनवाड़ी, आशा वर्कर के आंदोलन का दमन करने के विरोध में एवं अपनी मांगों के समर्थन में सरकार की हठधर्मिता एवं वायदा खिलाफी के खिलाफ हाथों में काले झंडे लेकर विशाल प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान सुभाष लांबा , नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री, उप महासचिव सुनील चंडालिया, उपाध्यक्ष कमला एवं नपा संघ के जिला अध्यक्ष गुरचरण खांड्या,सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला सचिव बलबीर सिंह सहित संघ के दर्जनों कार्यकर्ता नेता शामिल थे। यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे धर्मेंद्र के पुत्र विशाल की फरीदाबाद सकुशल वापसी के बाद धरना स्थल पर पहुंचने से कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई कर्मचारियों ने धरना स्थल पर पहुंचने पर विशाल के दादा सेवानिवृत्त सफाई दरोगा कुंवर चंद एवं विशाल को फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया।
नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि शहर को साफ-सुथरा रखने वाले सफाई कर्मचारी काफी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत्त है, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की जा रही, तथा उन्हे बार-बार सिर्फ झूठे आश्वासन दिए जा रहे है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिन सफाई कर्मचारियोंं को कोरोना योद्धा का खिताब मिला था, आज वे ही कोरोना योद्धा सडक़ों पर बैठकर अपना हक मांग रहे है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने वाले सफाई कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी की जा रही है।
वर्ष2020 में 25 अप्रैल व 17 अगस्त को दो दौर की वार्ताओं में, दर्जनों मांगों पर सहमति बनी थी लेकिन आज तक मानी गई मांगें पूरी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के आश्रितों को 50-50 लाख रूपये की आर्थिक सहातया देने व नियमित रोजगार देने, 5 हजार रूपये जोखिम भत्ता देने, हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग कर दो वर्षो के अनुभव के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने,
ईपीएफ व ईएसआई की काटी गई राशि कर्मचारियों के खातों में जमा करने, क्षेत्रफल व आबादी के अनुपात में नये पद सृजित कर नियमित भर्ती करने, सफाई कर्मचारियों व फायर कर्मचारियों की तर्ज पर अन्य सभी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को ठेका प्रथा से मुक्त कर विभाग के रोल पर करने, लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का 35 हजार 400 रूपये का स्केल लागू करने, ठोस कचरा निस्तारण डोर-टू-डोर बंद करने तथा डोर-टू-डोर के कर्मचारियों को पालिका, परिषदों व निगमों का कर्मचारी घोषित करने की मांगों को लेकर वे संघर्षरत्त है, लेकिन आज तक ये मांगें पूरी नहीं हुई है।
आज की भूख हड़ताल में अन्य के अलावा कर्मी नेता सुरेश देवी ललिता सत्तो देवी राजवती ज्ञानवती अनिल चंडालिया मनोज शर्मा कृष्ण चंडालिया देवी सिंह शर्मा शहाबुद्दीन रणजीत शुक्ला परसराम आधना वेद भड़ाना कमल हंस अनूप चंडालिया राम रतन सुदेश कुमार दर्शन सिंह सोया प्रेमपाल शक्ति सिंह श्रीपाल मोरिया देवी सिंह मंझावली दलीप बोहत सहित दर्जनों कार्यकर्ता एवं सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित थे
Post A Comment:
0 comments: