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हरियाणा से खेल के क्षेत्र में सुमित आंतिल, नीरज चोपड़ा को पद्मश्री

Neeraj-Chopra-Haryana
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चंडीगढ़ - गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पद्म पुरस्कार 2022 की घोषणा की। इसके अनुसार हरियाणा से खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा और पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता सुमित आंतिल को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा, सोशल वर्क में ओमप्रकाश गांधी, साइंस एंड इंजीनियरिंग में मोती लाल मदान, साहित्य एवं शिक्षा में राघवेंद्र तंवर को भी मिलेगा पद्मश्री पुरस्कार।

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पद्मश्री विजेताओं को बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि हरियाणावासियों की मेहनत की बदौलत आज प्रदेश का नाम भारत में ही नहीं बल्कि विश्व मानचित्र पर रोशन हो रहा है। पद्मश्री विजेताओं पर प्रत्येक हरियाणवी को गर्व है। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि आज के युवा इन सभी को प्रेरणा स्त्रोत मानकर अपने जीवन में भी इसी प्रकार की कई उपलब्धियां हासिल करेंगे।

उल्लेखनीय है कि ट्रैक और फील्ड एथलीट प्रतिस्पर्धा में भाला फेंकने वाले खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2021 में 87.58 मीटर भाला फेंककर गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था। इस स्वर्णिम  उपलब्धि को हासिल करके वे ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में भारत की तरफ से ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले एथलीट बने हैं। उनकी इस उपलब्धि से केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि भारत का नाम विश्व में रोशन हुआ।  

इसी प्रकार, सुमित अंतिल ने टोक्यो 2020 पैरालंपिक में F64 पुरुषों की जेवलिन थ्रो में 68.55 मीटर की दूरी तक थ्रो फेंक कर स्वर्ण पदक जीता। इस थ्रो के साथ ही उन्होंने अपने ही पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा दिया। अपनी इस उपलब्धि के साथ ही उन्होंने हरियाणा के साथ - साथ भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन किया।

गुर्जर कन्या विद्या मंदिर के संस्थापक ओम प्रकाश पोसवाल गाँधी का जन्म जिला यमुनानगर  के माधोबांस नामक गाँव में एक किसान परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम रणजीत सिंह और माता का नाम श्रीमती कमला देवी है। अपने विद्यार्थी काल में महर्षि दयानंद सरस्वती के व्यक्तित्व व कृतित्व का ऐसा गहरा प्रभाव हुआ कि एक साधारण युवक ने असाधारण संकल्प लेकर समाज को दिशा देने का प्रयास शुरू किया । एम . एस . सी . भौतिकी करने के बाद ये सहारनपुर उत्तर प्रदेश के एक महाविद्यालय में प्रवक्ता पद पर प्रतिष्ठित हुए और वहां से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर स्त्री शिक्षा के लिए कार्य शुरू किया । अपनी विनम्रता, शालीनता, व्यवहार कुशलता और लोगों को संगठित करने की क्षमता के कारण अपने संकल्प को मूर्तरूप देकर 7 अप्रैल 1987 को गुर्जर कन्या विद्या मन्दिर का शुभारम्भ किया । अपनी स्थापना से लेकर आज तक विद्यालय उन्हीं के प्रबंधन और मार्गदर्शन में प्रगति के पथ पर अग्रसर है । विद्यालय रुपी पौधा जो आदरणीय गुरु जी ने लगाया है आज उस पौधे ने एक वट वृक्ष का रूप धारण कर लिया है ।

बीवीएससी और एएच व एमएससी (पंजाब विश्वविद्यालय) में गोल्ड मेडलिस्ट, पीएचडी (यूएमसी, यूएसए), डीएससी से सम्मानित

(एचसी) सीएसए, कानपुर, 2001 और डी.एससी, गुएल्फ़ विश्वविद्यालय, कनाडा, 2012 इत्यादि डिग्री प्राप्त मोतीलाल मदान को साइंस एंड इंजीनियरिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए पद्मश्री पुरस्कार मिल रहा है।   यह विभिन्न शिक्षण संस्थानों के कुलपति भी रह चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संदर्भित पत्रिकाओं में इनके 432 शोध लेख और नीति पत्र प्रकाशित हो चुके हैं, जिसमें 226 मूल शोध पत्र शामिल हैं।

साहित्य एवं शिक्षा में राघवेंद्र तंवर को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। (इतिहास) में प्रथम स्थान व सामाजिक विज्ञान संकाय में सर्वाधिक अंक प्रतिशत हेतु सम्मानित, यू.जी.सी. के राष्ट्रीय फैलो (रिसर्च अवार्डी 2002-2005), अध्यक्ष, पंजाब इतिहास कांग्रेस (मॉडर्न 2001), प्रथम अध्यक्ष, भारतीय इतिहास कांग्रेस (समकालिक 2008), प्रो. तंवर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता शैक्षणिक, अधिष्ठाता सामाजिक विज्ञान संकाय एवं कुलसचिव के पदों पर आसीन रहे हैं। उनका विश्वविद्यालय का शैक्षणिक अनुभव लगभग 38 वर्षों का है।

रिपोर्टिंग द पार्टिशन ऑफ पंजाब : प्रेस, पब्लिक एंड अदर ओपिनियन 1947। इस अध्ययन की समीक्षा अनेक विद्वानों द्वारा भारत, यू.के., यू.एस.ए. तथा कनाडा के विभिन्न महत्त्वपूर्ण जर्नलों के लिए की गई। उनकी पुस्तक ‘पॉलिटिक्स ऑफ शेयरिंग पावर : द पंजाब यूनियनिस्ट पार्टी 1923-1947’ को विभाजन के पूर्व पंजाब में विद्यमान राजनैतिक व्यवस्था पर एक महत्त्वपूर्ण एवं सर्वस्वीकार्य शोध के रूप में मान्यता दी जाती है।

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