विद्रोही ने आरोप लगायण कि महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कुशासन पर अंकुश लगाने की बजाय भाजपा-जजपा सरकार उक्त सवाल उठाने वालों पर ही हमला बोलकर अपनी असफलता को सत्ता दुरूपयोग से छुपाने व सवाल उठाने वालों को दबाने का हरंसभव कुप्रयास करती है। यह बताता है कि भाजपा खट्टर सरकार अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता व लोकतांत्रिक विरोध के अधिकार को भी अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता दुरूपयोग से कुचलना चाहती है। विद्रोही ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि वे तो सार्वजनिक रूप से यह भी दावा करते है कि उन्होंने हरियाणा में सरकारी नौकरियों में पर्ची-खर्ची का चलन खत्म करके नौकरिया देने में भ्रष्टाचार खत्म कर दिया। पर हरियाणा सरकार की जांच में ही खट्टर सरकार का उक्त दावा खरा नही उतर रहा। जिस भी सरकारी भर्ती की जरा भी जांच होती है तो यह तथ्य सामने आता है कि भर्तीयों में भारी अनियमितताएं हो रही है। भर्ती परीक्षा पर्चा कोरा छोडा जा रहा है जिसे पैसे लेकर बाद में हल करके नोटों के बोरे भरकर हरियाणा में सरकारी नौकरी दी जा रही है। प्रदेश में प्रशासनिक भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकारी अफसर मोटा माल लेकर काम करते है। अवैध खनन चरम पर है। डाडम माईन हादसा इसका प्रमाण है।
विद्रोही ने कहा कि महिला अपराध, यौन शौषण, रेंग-गैंगरेप, किसानों, मजदूरों, छात्रा, युवाओं में भाजपा-जजपा की जनविरोधी नीतियों के चलते जबरदस्त विरोध है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है, कुशासन है फिर भी खट्टर जी जुमलेबाजी करके लोगों को ठगतेे है और अपने अटपटे बोलों से लोगों के जले घावों पर नमक छिडकते है। विद्रोही ने आमजनों से आग्रह किया कि यदि उन्होंने जनविरोधी, भ्रष्ट भाजपा-जजपा खट्टर सरकार को हरियाणा से तडीपार करने के लिए जबरदस्त आंदोलन नही चलाया तो सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते वे खुद जरूर हरियाणा से तडीपार होने को मजबूर हो जाएंगे।
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