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चंडीगढ़ के बाद कैसे जीतें फरीदाबाद नगर निगम चुनाव, टीम केजरीवाल शुरू किया सोंच विचार

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नई दिल्ली/ फरीदाबाद - चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में डंका बजाने के बाद अब आम आदमी पार्टी की नजर फरीदाबाद नगर निगम चुनावों पर है और अब इसकी पटकथा दिल्ली में लिखी जा रही है। यही कारण है कि पार्टी राज्य सभा सांसद सुशील गुप्ता को लगभग हर हफ्ते फरीदाबाद के किसी न किसी वार्ड में भेज रही है और धर्मबीर भड़ाना सभी वर्तमान 40 वार्डों में टीम बनाने में जुटे हैं। पार्टी के सूत्रों की मानें तो पार्टी जिले में कांग्रेस की कमजोरी का फायदा उठाने के प्रयास में जुट गई है। 

पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जिले में एकमात्र एनआईटी की सीट मिली थी। नीरज शर्मा विधायक बनें थे। एनआईटी में अधिकतर वार्डों में इस समय भाजपा का कब्ज़ा है लेकिन भाजपा के लिए राह अब आसान नहीं है क्यू कि एनआईटी के अधिकतर वार्डों की हालत नरक जैसे हो गई है। पिछले लगभग दो हफ्ते से निगम कमिश्नर यशपाल यादव का सफाई अभियान कुछ रंग लाया है और अब सभी नहीं कुछ वार्डों के लोग थोड़ा साफ़ सुथरी जगह पर रहने लगे हैं। इस क्षेत्र में गरीब मजदूर ज्यादा रहते हैं इसलिए आम आदमी पार्टी को लगता है कि अच्छे लोगों को टिकट दी जाएगी तो कई वार्ड में पार्टी के उम्मीदवारों की जीत होगी। पार्टी भाजपा और कांग्रेस के ऐसे नेताओं पर निगाह रख रही है जिन्हे पिछले चुनाव में काफी वोटें मिलीं थीं। ऐसे उम्मीदवारों को अगर इनकी पार्टियों से टिकट न मिला तो केजरीवाल उस नेता के घर टिकट लेकर पहुँच जाएंगे। 

बड़खल विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो बड़खल क्षेत्र के एनआईटी एरिया में पंजाबी मतदाता अधिक हैं और पार्टी तमाम पंजाबी नेताओं को जोड़ रही है और इस क्षेत्र के वार्डों में पंजाबियों को टिकट में वरीयता देगी। वहीं इसी विधानसभा क्षेत्र के सूरजकुंड क्षेत्र में भी पार्टी अपने पकड़ बना रही है और हाल में सुशील गुप्ता ने एक रैली को भी सम्बोधित किया था। यहाँ भी पूर्वांचल में मतदाता अधिक हैं। 

फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहाँ धर्मबीर भड़ाना को शायद ही कोई कामयाबी मिले क्यू कि इस क्षेत्र में पूर्व मंत्री विपुल गोयल अपने अधिकतर समर्थकों को हर हाल में पार्षद बनवाना चाहेंगे। यही नहीं यहाँ कांग्रेस में ज्यादा कमजोर नहीं है। पूर्व विधायक आनंद कौशिक और उनके भाई बलजीत कौशिक अब भी जनता के बीच में रहते हैं। यहाँ से 2019 का चुनाव लड़ने वाले लखन सिंगला भी कई वार्डों पर अपने उम्मीदवारों को जिताना चाहेंगे और यहाँ के एक और पुराने कांग्रेसी नेता सुमित गौड़ भी एक अच्छी टीम बना चुके हैं। फ़िलहाल पूरे फरीदाबाद में जो चर्चाएं हैं उसके मुताबिक विपुल गोयल किसी पार्टी से  अगला चुनाव लड़ें या आजाद लड़ें जीत लगभग तय है ऐसा क्षेत्र के 80 फीसदी  लोगों का कहना है। लोगों का कहना है कि वर्तमान विधायक नरेंद्र गुप्ता किसी भी हालत में यहाँ से अगला चुनाव नहीं जीतेंगे। यहाँ जो बड़ी बात आ रही है वो ये है कि अचानक टिकट कटने के बाद विपुल गोयल को लोग बेचारा कहने लगे थे। बेचारा शब्द उनके साथ जुड़ गया और आपको बता दें कि ये शब्द जब नगेन्द्र भड़ाना के साथ जुड़ा तो वो एनआईटी के विधायक बने और किसी समय में पृथला के टेकचंद शर्मा और नयनपाल रावत के साथ ये शब्द जुड़ा। टेकचंद शर्मा 2014 और रावत 2019 में विधायक बने और आपको  ये भी बता दें कि नगेंद्र भड़ाना इनेलो से मैदान में उतरे और जीते, टेकचंद शर्मा बसपा से उतरे और जीते और नयनपाल रावत आजाद मैदान में उतरे और जीते। ये शब्द जिनके साथ जुड़ जाता है, कमाल होता है। सत्ता इनपर कोई असर नहीं कर पाती। शायद यही वजह है कि फरीदाबाद से 2024 में विपुल गोयल की जीत पक्की बताई जा रही है। 

बल्लबगढ़ की बात करें तो केबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के वर्तमान कामकाज को अच्छा बताया जा रहा है। यहाँ इस समय कोई विपक्ष नहीं है। विपक्ष न होने के कारण यहाँ आम आदमी पार्टी की नजर कुछ वार्डों पर है लेकिन ज्यादा फायदा मिलना मुश्किल है। 

तिगांव की बात करें तो इस बार भाजपा विधायक राजेश नागर अपने अधिकतर समर्थकों को भाजपा की टिकट दिलवाकर उन्हें जिताने का प्रयास करेंगे। कांग्रेस के पूर्व विधायक ललित नागर इन दिनों जमीन पर कम दिखते हैं जिसका फायदा आम आदमी पार्टी उठाना चाहती है। इस बार पृथला के कुछ गांव भी निगम के क्षेत्र में होंगे और 40 से अधिक वार्ड होंगे। पृथला क्षेत्र में जो वार्ड बनेंगे वहां पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा अपने समर्थकों को जितवाने का प्रयास करेंगे क्यू कि अगली बार टेकचंद शर्मा का चुनाव लड़ना लगभग तय है। किसी भी पार्टी से लडें कैसे भी लड़ें। कहा जा रहा है जैसे स्वर्गीय शिव चरण लाल शर्मा ने एनआईटी के हालत बदल दिए थे ठीक वैसे टेकचंद शर्मा ने  पृथला के हालत बदले थे और फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा विकास कार्य पृथला में हुए थे जब टेकचंद शर्मा वहां के विधायक थे। अब वहां के लोग उन्हें याद करने लगे हैं, यहाँ भी आम आदमी पार्टी कुछ खास नहीं कर पाएगी। 
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