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हिन्दुओं को गौमांस खाने में कोई बुराई नहीं, किताब में लिखा है- दिग्विजय सिंह कांग्रेस 

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नई दिल्ली- 7 साल पहले यानि 2014 के पहले देश में कांग्रेस की सरकार थी। 2009 के 15वें आम चुनाव में कांग्रेस ने 206 सीटें जीतीं थीं जबकि  भारतीय जनता पार्टी के खाते में सिर्फ 116 सीटें ही आई थीं। मनमोहन सिंह दूसरी बार पीएम बने थे। इसके बाद 2014 में आम चुनाव हुए।   भाजपा ने 30 सालों का रिकॉर्ड तोड़ 283 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भाजपा गठबंधन ने कुल 336 सीटें जीती थीं। नरेंद्र मोदी पीएम बने थे और अब भी हैं, इस चुनाव में कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट  गई थी।  कांग्रेस गठबंधन को कुल 66 सीटें मिलीं थीं। 1984 में कांग्रेस के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पहली ऐसी पार्टी बनी थी जिसने अपने दम पर सरकार बनाने लायक सीटें जीती थीं। इसके बाद 2019 में कांग्रेस को 52 सीटें मिलीं जबकि भाजपा गठबंधन को 352 सीटें मिलीं। 

अब अगला आम चुनाव 2024 में होगा लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं है क्यू कि हाईकमान की कमजोरी के कारण कांग्रेस अब भी मतदाताओं की नब्ज टटोलने में नाकामयाब हो रही है जिसका खामियाजा कांग्रेस के अच्छे नेताओं को भुगतना पड़ रहा है जो चुनाव जीत सकते हैं और उन्होंने अपने क्षेत्र में अच्छा काम किया और कर भी रहे हैं लेकिन हाईकमान की कमजोरी के कारण वो लोकसभा चुनाव हार जा रहे हैं। हाईकमान कमजोर है इसलिए कुछ कांग्रेसी नेता बकवास कर पार्टी को और कमजोर कर देते हैं और हाईकमान उन पर ऐक्शन नहीं लेता जिस वहां से हाईकमान  पर भी सवाल उठने लगते हैं। 

पूरा देश जानता है कि भाजपा को सत्ता बार-बार इसलिए मिल रही है कि पार्टी हिंदुत्व की राह पर चल रही है। लोग भले ही गरीब हो रहे हों, राशन के लिए धक्के खा रहे हों लेकिन जहाँ बात हिंदुत्व की आती है वहां लोग भाजपा को सपोर्ट करते हैं। सारा दुःख दर्द भूल जाते हैं। 

आज कांग्रेस के एक बड़े बड़बोले नेता कांग्रेस की जमकर फजीहत करवा रहे हैं जो कई बार कांग्रेस का बंटाधार करवा चुके हैं ,कभी एमपी के सीएम थे लेकिन पिछली बार लोकसभा चुनाव भी नहीं जीत सकते क्यू कि अपनी छबि हिन्दू विरोधी बना चुके हैं। बार-बार हिन्दुओं का अपमान करने का उन पर आरोप लगता है इसी वजह से प्रज्ञा ठाकुर ने पिछली बार उन्हें धूल चटा दिया जबकि प्रज्ञा ठाकुर भी विवादित रहीं हैं और नेतागीरी का उनका कोई अनुभव नहीं था लेकिन वो हिंदत्व की राह पर थीं और सामने कांग्रेस का हिन्दू विरोधी उम्मीदवार था और लटक गया। 

बात कर रहे हैं एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की जो कांग्रेस को रसातल में पहुंचाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। आज उन्होंने  सावरकर के बारे में दावा करते हुए कहा, 'सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि हिंदू धर्म का हिंदुत्व के साथ कोई संबंध नहीं है। इतना ही नहीं सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि गोमांस खाने में कोई परहेज नहीं है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि हिंदू धर्म का हिंदुत्व के साथ कोई संबंध नहीं है। उन्होंने यह भी लिखा है कि गाय ऐसा पशु है, जो खुद के मल में लोट लेती है, वह कहां से हमारी माता हो सकती है, उसके गोमांस खाने में कोई खराबी नहीं है। यह सावरकर ने कहा है।

दिग्विजय ने आगे कहा कि यह देश विविधताओं का देश है। यहां ऐसे भी हिंदू हैं, जो गोमांस खाते हैं और कहते हैं कि कहां लिखा है गोमांस ना खाया जाए और अधिकांश हिंदू गोहत्या के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि सावरकर बीजेपी और संघ के विचारक हैं, यहां कितने लोगों को सावरकर की इस बात के बारे में मालूम था, हाथ उठाओ। अब यह बात भाजपा और संघ के नेताओं के सामने कहोगे या नहीं। सोशल मीडिया पर इस बयान के बाद लोग उन्हें लताड़ने लगे देखें 

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